भोपाल,15 जुलाई (आरएनएस)। भाजपा में शामिल होने के बाद वर्ष 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि टाइगर अभी जिंदा है….। खुद को टाइगर कहने वाले सिंधिया अब अपने क्षेत्र में बाघ बसाने जा रहे हैं। सिंधिया ने अपने पूर्वज के नाम पर शिवपुरी में स्थित माधव नेशनल पार्क में बाघ-बाघिन को पुर्नस्थापित करने की मांग की है। वन्यप्राणी मुख्यालय ने इस पार्क में एक बाघ और एक बाघिन छोडऩे का प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय बाध संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भेज दिया है। 375 वर्ग किलो मीटर में फैले माधव नेशनल पार्क में वर्तमान में एक भी बाघ नहीं है। पार्क में वर्ष 1988 में टाइगर सफारी शुरु की गई थी, जो वर्ष 1995 तक चली। सफारी के लिए वन विहार नेशनल पार्क से ले जाकर बाघ पेटू और बाघिन तारा को छोड़ा गया था।
इसके बाद पार्क में विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई थी लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि जंगल में एक बाघ के लिए खाने के भी लाले पड़ गए। पार्क प्रबंधन को शिवपुरी से मीट मंगाना पड़ता था। इससे करीब एक दशक से पार्क खाली है। जिसे फिर से आबाद करने की कोशिश शुरु हुई है। सिंधिया की मांग पर जहां वन विभगा ने पार्क में फिर से बाघों को बसाने की कोशिश शुरु कर दी है, तो वन अधिकारी कहते हैं कि पार्क में अब बाघों के खाने का संकट नहीं है। शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या बढ़ गई है। यह शिकार कर सकेंगे। वर्तमान में प्रदेश के किसी भी संरक्षित क्षेत्र की तुलना में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा 124 बाघ हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि वन विभाग बांधवगढ़ से ही बाघ-बाघिन का जोड़ा शिवपुरी भेजेगा।
अनिल पुरोहित/अशफाक