प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) में राहत की खबरों के बाद भारतीय शेयर बाजार में उल्लेखनीय तेजी देखी गई, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों ने मजबूत वृद्धि दर्ज की। 4 सितंबर 2025 को, सरकार द्वारा जीएसटी दरों में व्यापक बदलाव की घोषणा के बाद, बाजार में उत्साह का माहौल रहा। इस सुधार के तहत जीएसटी स्लैब को सरल करते हुए 12% और 28% के स्लैब को हटाकर मुख्य रूप से 5% और 18% के दो स्लैब करने का प्रस्ताव लागू किया गया, जिसका उद्देश्य उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों को कम करना और त्योहारी सीजन से पहले खपत को बढ़ावा देना था।
सेंसेक्स और निफ्टी की बढ़त
बीएसई सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 888.96 अंकों (1% से अधिक) की छलांग लगाई और 81,456.67 पर पहुंच गया। बाद में यह 513.84 अंक (0.64%) की बढ़त के साथ 81,081.55 पर कारोबार कर रहा था। एनएसई निफ्टी 50 ने 265.70 अंक (1.08%) की बढ़त के साथ 24,980.75 पर कारोबार शुरू किया और बाद में 142 अंक (0.57%) की बढ़त के साथ 24,857.05 पर रहा।
निफ्टी 100, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 1% से अधिक की बढ़त देखी गई, जो बाजार में व्यापक सकारात्मकता को दर्शाता है। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़कर लगभग 456 लाख करोड़ रुपये हो गया।
तेजी के प्रमुख कारण जीएसटी सुधार (GST 2.0)
सरकार ने जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए व्यापक सुधारों की घोषणा की, जिसमें 175 से अधिक उत्पादों, जैसे शैंपू, हाइब्रिड कारें, और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स पर कर में 10% की कटौती शामिल है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में छोटी कारों, हाइब्रिड कारों, 350cc से कम की बाइक और तिपहिया वाहनों पर जीएसटी दरें कम की गईं, जिससे ऑटो स्टॉक्स में तेजी आई।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी में राहत दी गई, जिसमें 10,000 रुपये के प्रीमियम पर 1,800 रुपये की बचत का प्रावधान है। 33 दवाओं पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया। ये सुधार उपभोक्ता मांग को बढ़ाने और विशेष रूप से ऑटो, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और बीमा जैसे क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
क्या हैं वैश्विक संकेत ?
वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुझान ने भी भारतीय बाजार को समर्थन दिया। अमेरिकी बाजारों में, एसएंडपी 500 में 0.51% और नैस्डैक में 1.03% की बढ़त दर्ज की गई, जिसका कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद थी। एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा, जिसमें जापान का निक्केई 1.23% बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग 1.21% गिरा।
भारत की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7.8% रही, जो रिजर्व बैंक के 6.5% के अनुमान से अधिक थी। इसने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया। रुपये की मजबूती (87.39 प्रति डॉलर) और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी (ब्रेंट क्रूड 65.82 डॉलर प्रति बैरल) ने भी सकारात्मक माहौल बनाया।
लाभकारी कंपनियां सेंसेक्स में शीर्ष प्रदर्शन
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 7.50% से अधिक की उछाल, ऑटो सेक्टर में जीएसटी कटौती का सबसे बड़ा लाभार्थी। बजाज फाइनेंस ने 4.10% की बढ़त, वित्तीय सेवाओं में मजबूत मांग के कारण। हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, और अल्ट्राटेक सीमेंट: 2-2.51% की बढ़त।
अन्य क्षेत्र जैसे ऑटो सेक्टर में मारुति सुजुकी, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर ने भी मजबूत प्रदर्शन किया। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और बीमा कंपनियों को भी जीएसटी राहत से लाभ हुआ।
पिछड़ने वाली कंपनियां सेंसेक्स में कमजोर प्रदर्शन
टाटा स्टील, एनटीपीसी, और एचसीएल टेक जैसी कंपनियां पीछे रहीं। कुछ कंपनियां जैसे सन फार्मा (2.05% नीचे) और आईटीसी (0.92% नीचे) में गिरावट देखी गई।
आर्थिक मामलों के जानकार प्रकाश मेहरा ने जीएसटी सुधार को “क्रांतिकारी” बताते हुए कहा कि “यह उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में कमी लाएगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। उन्होंने अनुमान लगाया कि यह सुधार वित्त वर्ष 2026 में 6.5% और 2027 में 7% की वृद्धि को प्रेरित कर सकता है।”
आय की कमी का खतरा
जीएसटी दरों में कटौती से सरकारी राजस्व पर असर पड़ सकता है, जिसके कारण सरकारी उधारी बढ़ सकती है। इससे बॉन्ड यील्ड में वृद्धि हो सकती है। अमेरिकी टैरिफ नीतियों और वैश्विक आर्थिक मंदी की चिंताएं बाजार में अस्थिरता ला सकती हैं। चीन के बाजारों में गिरावट शंघाई कम्पोजिट में 1.6% की गिरावट ने कुछ एशियाई बाजारों पर दबाव डाला।
भारतीय शेयर बाजार में नई जान
जीएसटी सुधारों ने भारतीय शेयर बाजार में नई जान फूंकी है, विशेष रूप से ऑटो, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और बीमा जैसे क्षेत्रों में। मजबूत जीडीपी आंकड़े, वैश्विक बाजारों में सकारात्मक संकेत और रुपये की मजबूती ने इस तेजी को और बढ़ाया। हालांकि, निवेशकों को राजस्व घाटे और वैश्विक व्यापार तनाव जैसे जोखिमों पर नजर रखनी चाहिए। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह तेजी त्योहारी सीजन से पहले उपभोक्ता मांग को बढ़ावा दे सकती है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा।