नई दिल्ली : भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली, पंजाब और हरियाणा पुलिस आपस में उलझी हुई हैं। तीन राज्यों की पुलिस के उलझने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पंजाब पुलिस की एक टीम ने शुक्रवार सुबह बग्गा को वेस्ट दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया। कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस की टीम के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया। उधर बग्गा को लेकर पंजाब जा रही पुलिस टीम के काफिले को कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने रोक लिया। वहां दिल्ली पुलिस की टीम पहुंच गई और हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। अब दिल्ली पुलिस बग्गा को साथ लेकर आ रही है। सुबह से ही नाटकीय घटनाक्रम जारी हैं। लेकिन बग्गा ने ऐसा क्या गुनाह किया जो उन्हें गिरफ्तार किया गया, उनका वह कौन सा ट्वीट था जो उन्हें मुसीबत में डाल दिया। आइए जानते हैं।
बग्गा की गिरफ्तारी के केंद्र में हाल में आई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से जुड़ी विवाद है। दिल्ली विधानसभा का सत्र चल रहा था और बीजेपी मांग कर रही थी कि कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार की कहानी कहने वाली फिल्म को दिल्ली में टैक्स फ्री कर दिया जाए। जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कश्मीर फाइल्स फिल्म को झूठी बताते हुए कहा कि फिल्ममेकर से कहिए यूट्यूब पर अपलोड कर दें, फ्री में सब देख लेंगे। ‘कश्मीर फाइल्स’ को झूठी बताए जाने से भड़के तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उसी दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया।
क्या था वो ट्वीट
बग्गा ने केजरीवाल के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया, ‘जब 100 ह#@$% मरे होंगे तब जाकर कहीं एक अरविंद केजरीवाल पैदा होता होगा।’ बग्गा के इसी ट्वीट से उनकी मुसीबत बढ़ गई। पंजाब में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई। तब बग्गा ने कहा था कि एक नहीं, 100 एफआईआर कर लो, अगर अरविंद केजरीवाल कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को झूठ बोलेंगे तो, ठहाके लगाएंगे तो मैं छोड़ने वाला नहीं हूं।
पंजाब पुलिस का क्या कहना है
बग्गा को गिरफ्तार करने वाली पंजाब पुलिस का कहना है कि बीजेपी नेता ने अपने ट्वीट और बयानों से अलग-अलग समुदायों में दुश्मनी पैदा करने की कोशिश की है। उन्होंने भड़काऊ बयान दिए हैं और अफवाह फैलाए हैं। पंजाब पुलिस के मुताबिक 30 मार्च को एक विरोध-प्रदर्शन के दौरान बग्गा ने कथित तौर पर अरविंद केजरीवाल को धमकाया था। पंजाब पुलिस का कहना है कि बग्गा को जांच में शामिल होने के लिए 9 अप्रैल, 11 अप्रैल, 15 अप्रैल, 22 अप्रैल और 28 अप्रैल को 5 नोटिस जारी किए गए लेकिन वह जानबूझकर जांच में शामिल नहीं हुए। इस वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया।