प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पाकिस्तान ने संसद में भारत के पानी रोकने को ‘एक्ट ऑफ वार’ मानने की बात कही। इस बीच पाक भारत से खौफ खाकर अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगा हुआ है। हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट में दावा किया था कि पाकिस्तान के पास इतना ही गोला-बारूद है, जितने में वह 4 दिन युद्ध में टिक पाए।
बॉर्डर के इलाकों में पोस्टिंग नहीं चाहते!
इससे पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई और अपने मित्र देशों से हथियार आयात करने की जुगत बैठा रहा है। अब पाक के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। पाकिस्तानी आर्मी के सैनिकों का कहना है कि वे भारत के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे। दरअसल, पाकिस्तानी सेना में वहां के पंजाब प्रांत के सैनिक खूब हैं। पहले भी जितने युद्ध हुए, उनमें इनका भरपूर इस्तेमाल किया गया। लेकिन अब ये कह रहे हैं कि हम बॉर्डर के इलाकों में पोस्टिंग नहीं चाहते, क्योंकि भारत से जंग के हालात बने हुए हैं। हालांकि, जब फौज के आला अधिकारियों ने इनकी बात नहीं मानी, तो कुछ ने तो इस्तीफा भी दे दिया।
पाकिस्तान की फौज में इस्तीफों की झड़ी !
कुछ दिन पहले ही ये बात सामने आई थी कि पाकिस्तान की फौज में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। रिपोर्ट्स में ये बताया गया कि पाकिस्तानी आर्मी के 4500 सैनिकों और 250 अधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यही कारण है कि पाकिस्तान अब प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों से फौज बुलवा रहा है। पाकिस्तान के पेशावर स्थित सैन्य मुख्यालय ने तो नई भर्ती के निर्देश भी दे दिए हैं। नई भर्ती के लिए भी उन इलाकों पर फोकस किया जा रहा है, जहां पर बरसों से पाक प्रशासन और आर्मी ने अति मचाई हुई है। ये इलाके बलूचिस्तान, नॉर्थ वजीरिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा हैं।
पाकिस्तानी सेना आठ रिटायर्ड अधिकारियों को नई भर्ती का जिम्मा सौंपा है। इनमें पूर्व आर्मी चीफ जनरल अब्दुल वाहिद काकर, रिटायर्ड जनरल खालिद रब्बानी, लेफ्टिनेंट जनरल आलम जन महसूद, लेफ्टिनेंट जनरल अली जान ओरकजई, ब्रिगेडियर अफजल खान और मेजर जनरल राहत अमानुल्लाह अफरीदी शामिल हैं।