भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रत्नाकर बैंक लिमिटेड (आरबीएल) पर वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान कर्ज वसूली एजेंट से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के कारण ₹2.27 करोड़ का जुर्माना लगाया है। इससे पहले, 30 जनवरी 2023 को आरबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा पर 30 लाख रूपये का जुर्माना लगाया था।
हालांकि, यह मात्र एक-दो ऐसी घटनाएं नहीं है जब आरबीआई ने बैंकों पर ग्राहक नियमों के उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया हो। दरअसल, साल 2023 में 20 मार्च 2023 तक आरबीआई ने नियमों की अवहेलना करने पर आरबीएल सहित 43 बैंकों से लगभग ₹5.06 करोड़ रूपये जुर्माने के रूप में वसूल लिये हैं। गौरतलब है कि बैंकों पर अधिकांश पेनल्टी ग्राहकों से सम्बन्धी नियमों की अवेहलना के चलते लगती है।
आरबीआई कैसे लगाता है जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है और भारत की अर्थव्यवस्था को भी नियंत्रित करता है। इसकी स्थापना एक अप्रैल 1935 को एक निजी बैंक के रूप में हुई थी। आजादी के बाद 1949 में यह भारत का केंद्रीय बैंक बना। वर्तमान में पूरे भारत में आरबीआई के 29 क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
बैंकों के ग्राहकों की सेवा पर निगरानी रखने का काम भी भारतीय रिजर्व बैंक के पास है। वह इस बात को सुनिश्चित करता है कि बैंक ग्राहकों से जुड़े नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। अगर कोई बैंक नियमों की अवहेलना करते पाया जाता है तो संबंधित बैंक के खिलाफ कार्यवाही का अधिकार भी आरबीआई के पास है। दरअसल, आरबीआई को यह अधिकार बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत मिले हैं। यह कानून भारत में सभी बैंकिंग फर्मों को नियंत्रित करता है। इसे बैंकिंग कंपनी अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है। इसी कानून के अनुसार नियमों का उल्लंघन होने पर रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों पर भारी जुर्माना लगाया जाता है। अगर बैंक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो आरबीआई उसका लाइसेंस भी रद्द कर सकता है।
समय-समय पर इस अधिनियम में संशोधन होते रहे हैं। जैसे साल 2020 में बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक 2020 संसद में पेश किया गया था। जिसका उद्देश्य सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार करने सहित सहकारी बैंकों की निगरानी के लिए आरबीआई की शक्तियों में वृद्धि करना था।
बीते सालों में जुर्माना
2022 में आरबीआई ने नियमों का पालन न करने पर 211 बैंकों पर लगभग ₹40.39 करोड़ का जुर्माना लगाया था। जिसमें विदेशी बैंक जैसे बैंक ऑफ बहरीन व कुवैत बीएससी (भारत) पर ₹2.66 करोड़ का भी आर्थिक दंड शामिल है। आरबीआई ने पिछले साल सबसे बड़े जुर्माने फेडरल बैंक पर ₹5.72 करोड़ और इंडसइंड बैंक पर ₹1 करोड़ लगाये थे।
आरबीआई ने 8 जुलाई 2022 को नियमों का पालन न करने के कारण फेडरल बैंक पर ₹5.72 करोड़ का जुर्माना लगाया था। यह आरबीआई द्वारा लगाये गये सभी आर्थिक जुर्मानों में सबसे बड़ा जुर्माना था। आरबीआई ने फेडरल बैंक पर जुर्माना इसलिए लगाया था क्योंकि बैंक यह बताने में विफल रहा था कि बीमा कंपनी द्वारा बीमा ब्रोकिंग/कॉरपोरेट एजेंसी सेवाओं में लगे उसके कर्मचारियों को कोई प्रोत्साहन (नकद या गैर-नकद) दिया गया या नहीं।
साल 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक ने 141 बैंकों पर लगभग ₹67.2 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया था। जिसमें 6 जुलाई को एकसाथ 14 बैंकों पर ₹14.5 करोड़ की पेनल्टी शामिल है। गौरतलब है कि साल 2021 में आरबीआई ने सबसे बड़ा जुर्माना एचडीएफसी बैंक (HDFC) पर 27 मई को ₹10 करोड़ का लगाया था।
आरबीआई को एचडीएफसी के कार/ऑटो लोन पोर्टफोलियो में कई अनियमिताएं मिली थी। यह कार्यवाही एक व्हिसल ब्लोअर की शिकायत पर की गयी थी। जिसके बाद, जांच में पता चला कि बैंक अपने ग्राहकों के साथ बैंकिंग नियमों का उल्लंघन कर धोखाधड़ी कर रहा है। भारत में Retail Inflation आरबीआई के अनुमान से अधिक, CPI 6.52 प्रतिशत रहाभारत में Retail Inflation आरबीआई के अनुमान से अधिक, CPI 6.52 प्रतिशत रहा।
आरबीआई ने अमेजन पर लगाया जुर्माना
बैंको के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय लेनदेन वाली मोबाइल एप्स पर भी शिकंजा कस रहा है। आरबीआई ने 3 मार्च 2023 को अमेजन पे (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड पर ₹3.06 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) से संबंधित कुछ प्रावधानों का पालन न करने पर लगाया गया था। अमेजन पे अमेरिका की ई-कॉमर्स अमेजन कंपनी की डिजिटल भुगतान शाखा है।