प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपना पहला स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर चिप ‘विक्रम’ विकसित कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह चिप सोमवार को सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सौंपी। यह चिप भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी (SCL) द्वारा विकसित की गई है और इसे स्पेस लॉन्च वाहनों के कठोर परिस्थितियों के लिए योग्य बनाया गया है। इस उपलब्धि के साथ ही भारत ने सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है।
सेमीकॉन इंडिया 2025 में चिप सौंपना
पीएम मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान मंत्री वैष्णव ने ‘विक्रम’ चिप के साथ-साथ चार स्वीकृत परियोजनाओं के टेस्ट चिप्स भी पीएम को भेंट किए। वैष्णव ने कहा, “कुछ साल पहले हमने प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की। 3.5 सालों में दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। आज पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेजी से चल रहा है और हमने पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप पीएम मोदी को सौंपी।”
वैष्णव ने वैश्विक नीतिगत अस्थिरता के बीच भारत को “स्थिरता का प्रदीप” बताया और निवेशकों को भारत आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां स्थिर हैं और सेमीकंडक्टर मांग हर तिमाही बढ़ रही है। सम्मेलन में 48 देशों से 20,750 से अधिक प्रतिभागी, 150 वक्ता और 350 प्रदर्शक शामिल हुए, जिसमें वैश्विक सीईओ राउंडटेबल भी शामिल है।
विक्रम चिप क्या है खास ?
‘विक्रम’ भारत का पहला पूर्ण स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है, जो 32-बिट डेटा प्रोसेस कर सकता है। यह फ्लोटिंग-पॉइंट प्रोसेसर है, जो बड़े मेमोरी हैंडलिंग और जटिल निर्देशों को निष्पादित करने में सक्षम है। इसे स्पेस लॉन्च वाहनों के लिए डिजाइन किया गया है, जो चरम तापमान और पर्यावरणीय चुनौतियों को सहन कर सकता है।
इसरो के SCL द्वारा विकसित यह चिप मार्च 2025 में पहली बार पेश की गई थी। इसका प्रारंभिक बैच PSLV-C60 मिशन के दौरान अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक वैलिडेट किया गया, जो भविष्य के स्पेस मिशनों के लिए इसकी विश्वसनीयता साबित करता है। चिप का फैब्रिकेशन और पैकेजिंग पंजाब के मोहाली सेमीकंडक्टर हब में किया गया। मुख्य रूप से स्पेस और लॉन्च वाहनों के लिए, लेकिन इसकी मजबूती के कारण रक्षा, एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव और ऊर्जा क्षेत्रों में भी उपयोगी। वैष्णव ने इसे “रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण” बताया। ‘चिप्स टू स्टार्टअप’ कार्यक्रम के तहत छात्रों द्वारा डिजाइन की गई 28 अन्य चिप्स भी मोहाली हब में तैयार की गईं, जो भारत के उभरते टैलेंट पूल को दर्शाती हैं।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र पर भारत का बड़ा लक्ष्य
भारत सरकार ने 2021 में लॉन्च किए गए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत सेक्टर को मजबूत बनाने पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि “भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी।”
उत्पादन इकाइयां
वर्तमान में 5 सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेजी से चल रहा है। 10 प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी, 6 राज्यों में ₹1.60 लाख करोड़ से अधिक निवेश। गुजरात के सानंद में CG-सिमी की OSAT पायलट लाइन 28 अगस्त 2025 को लॉन्च हुई, जहां से पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप जल्द आएगी।
पीएलआई स्कीम
₹76,000 करोड़ की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना, जिसमें ₹65,000 करोड़ पहले ही कमिट हो चुके। अगले 2-3 महीनों में दो अन्य प्लांट्स चिप रिलीज करेंगे।
डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI)
23 चिप डिजाइन स्टार्टअप्स को सपोर्ट। कंपनियां जैसे Vervesemi माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स रक्षा, EV और ऊर्जा के लिए एडवांस्ड चिप्स बना रही हैं।
टैलेंट डेवलपमेंट
2030 तक 85,000 प्रोफेशनल्स को ट्रेनिंग का लक्ष्य। भारत में दुनिया के 20% चिप डिजाइन इंजीनियर हैं।
क्या हैं भविष्य की योजनाएं
क्रिटिकल मिनरल्स मिशन शुरू। 6G पर ‘मेड इन इंडिया’ नेटवर्क तेजी से विकसित। 2025 के अंत तक बाजार में पहली स्वदेशी चिप उपलब्ध। पीएम ने कहा कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में “स्थिरता और विकास का केंद्र” बनेगा।
महत्व और भविष्य की दृष्टि
यह उपलब्धि भारत को सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भरता कम करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। सेमीकंडक्टर हेल्थकेयर, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन, डिफेंस और स्पेस जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। वैश्विक कंपनियां जैसे ASML ने भारत को “राष्ट्रीय लचीलापन और नवाचार का अवसर” बताया। सम्मेलन में AI, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और निवेश पर फोकस रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा, “हम सुस्त विकास से दुनिया को बाहर निकाल सकते हैं।” यह कदम भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और 20% वैश्विक विकास में योगदान देने की दिशा में मजबूत हैं। सेमीकॉन इंडिया 2025 (2-4 सितंबर) भारत को चिप डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट का वैश्विक हब बनाने पर केंद्रित है।
देखिये पूरी रिपोर्ट क्या बोले पीएम मोदी