मुरार सिंह कंडारी
नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने छत्रपति संभाजी महाराज की 368वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज का जीवन इतिहास बहुत प्रेरणादायक है और कठिनाइयों के बावजूद हार न मानने का एहसास देता है।
सांस्कृतिक कार्य विभाग, सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, महाराष्ट्र सरकार ने छत्रपति संभाजी महाराज राष्ट्रीय जयंती और सांस्कृतिक महोत्सव दिल्ली के सहयोग से बुधवार शाम को छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती मनाई।
इस अवसर पर सुरेश चव्हाण, प्रसिद्ध अभिनेत्री वर्षा उसगांवकर, गायक और संगीतकार डॉ. राजेश सरकार, शिव लेक्चरर प्रो. रवींद्र बनसोद और अन्य उपस्थित रहे।
श्री जाधव ने आगे कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज का जीवन छोटा था, लेकिन उन्होंने न केवल छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि इसे बढ़ाने का भी प्रयास किया। जाधव ने कहा कि यह संभाजी महाराज की प्रेरणा के कारण था कि मराठों ने न केवल दिल्ली की गद्दी को बरकरार रखा, बल्कि भविष्य में इस पर शासन भी किया।
छत्रपति संभाजी महाराज एक महान व्यक्तित्व थे। वे जितने योद्धा थे, उतनी ही रुचि साहित्य में भी थी। वे भाषा प्रेमी भी थे। श्री जाधव ने कहा कि अगर हर कोई उनके इन गुणों का पालन करेगा तो यह उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शाम को गणमान्य व्यक्तियों ने हितेश पटोले द्वारा बनाई गई छत्रपति संभाजी महाराज की प्रतिमा की पूजा की। इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। इस अवसर पर समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया गया।
प्रो. राजेश सरकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘गरजा महाराष्ट्र’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रो. डॉ. प्रभाकर जाधव की पुस्तक ‘मराठा ड्यूरिज्म’ का विमोचन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। लेक्चरर रवींद्र बंसोडे ने छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन इतिहास पर एक शक्तिशाली व्याख्यान दिया।
इस कार्यक्रम का आयोजन छावा भारत क्रांति मिशन के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. विलास पांगारकर, छावा के संस्थापक अध्यक्ष किशोर चव्हाण, भारत क्रांति मिशन के मुख्य समन्वयक विजय काकड़े पाटिल, महासचिव परमेश्वर नलवाडे और एन. तानाजी हुस्सेकर, प्रो. राजेश सरकार, विनोद सरकार, अक्षय ताठे, सतीश जगतप और अमोल टकले। उनके अथक प्रयासों के कारण यह ऐतिहासिक घटना सफल रही।