- बरसात में तिरपाल और टीन शेड डालकर हुआ महिला का अंतिम संस्कार
- ब्लॉक : फरह के गांव पिंगरी और हृदय की दुखद घटना
सतीश मुखिया
मथुरा। जी हां ,यह एक बड़ा ही भयावह सच है कि देश के 1947 में आजाद होने के बाद आज भी भारतीय लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में राज्य सरकारो और केंद्र सरकार के प्रयास ना काफी साबित हो रहे हैं। सरकार की मानसिकता में कोई दोष नहीं है, दोष है कार्य प्रणाली में कि कैसे आजादी के 75 वर्ष बीतने के बाद भी आम नागरिक को जीवन यापन करने जरूरत की चीजे उपलब्ध नहीं हो रही है।
आप जिंदा रहने की ज़रूरतो को आप छोड़िए, शरीर छोड़ने के बाद जहां व्यक्ति का हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार और क्रिया कर्म किया जाता है, जहां न कोई जाति होती है, ना धर्म होता है, ना संप्रदाय होता है वहां भी देश के कट्टर ईमानदारो ने अपने संस्कार विचार सहित श्मशान,अंत्येष्टि स्थलों का भी अंतिम संस्कार कर दिया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत को मजबूत करने व उनके सर्वांगीण विकास हेतु धनराशि आवंटित की जा रही है। उनके द्वारा समाज में अंतिम पायदान पर रहने वाला व्यक्ति विकास योजनाओं में पहले नंबर पर है लेकिन धरातल पर वह व्यक्ति ना पहले नंबर पर है और ना ही वह अंतिम नंबर पर है उस व्यक्ति का कोई रेस में नंबर ही नहीं है।
ऐसा ही उदाहरण हमें भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा, ब्रिज में देखने को मिला। आम जनता को मरने के बाद अंतिम संस्कार हेतु भी उसको जूझना पड़ रहा है क्योंकि जिन लोगों के पास इसकी जिम्मेदारी थी वह लोग इन उम्मीदों पर उतरने में नाकामयाब होते दिखाई दे रहे हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही अंत्येष्टि स्थल विकास योजना मथुरा में दम तोड़ती हुई नजर आ रही है।
सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत में पंचायत घर और अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया जा रहा है। मथुरा को वर्ष 2023/ 24 में 12 अंत्येष्टि स्थल योजना का फंड 24 /24 लाख फंड मिला। जिसमें जुन सिटी, सेरसा,फातिहा, शाहपुर बांगर, पटलोनी, विसावली, गुडेरा खाजपुर, अरुवा बांगर, कादौना, अगरयालासिंह और नगला हुमायूं देह पंचायत शामिल रही और वर्ष 2024 25 में चयनित 11 पंचायत को भी 24/24 लाख का फंड आवंटन हुआ। जिसमें भदेरुआ, नेनु पट्टी, पाडल, बझेड़ा, ऊदी, खरबा, दिल्लू पट्टी, भिदौनी, बीधोनी हसनपुर, नेहरा बांगर, बाटी आदि शामिल रही।
यह धनराशि पंचायत को आवंटित की जाने वाली धनराशि से अलग है और इसके अलावा प्रत्येक पंचायत को पंचायती राज विभाग द्वारा भारी मात्रा में प्रतिवर्ष धनराशि आवंटन की जा रही है जिससे कि ग्राम प्रधान पंचायत के अंतर्गत आने वाले मजरे, नगला, टोल और गांव का विकास कर सके। जिससे कि गांव में रहने वाले रह वासियों के जीवन स्तर में परिवर्तन आ सके और उनको मूलभूत आवश्यकता के संसाधन मिल सकें लेकिन कट्टर ईमानदारी के कॉकटेल के कारण गांव की मजदूर, दलित, वंचित और भूमिहीन को मिलने वाली सुविधा पंचायत के प्रधानों की तिजोरियो और ग्राम विकास अधिकारियो की जेबों में जाती हुई नजर आ रही है, ऐसा नहीं है कि सभी प्रधान और सचिव कार्य नहीं करना चाहते लेकिन स्थानीय राजनीति और व्यवस्थाओं के आगे वह मजबूर हैं और चाहकर भी काम नहीं कर पा रहे।
मथुरा की पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी को अभी हम लोग भूल नहीं हैं। जो पंचायते महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और जिन पर वर्ष 2021 में जीतकर प्रधान बनी उन की स्थिति तो और भी बदतर है क्योंकि वह महिलाएं सिर्फ पंचायत का चुनाव जीती उसके अलावा उनकी इस चुनाव में कोई भागीदारी नहीं नजर आती। उनकी प्रधानी को उनके पति, पुत्र और देवर या कोई अन्य ही चला रहे हैं।
ब्रज में कल से मुड़िया पूर्णिमा का सात दिवसीय मेला शुरू होने वाला है और देश विदेश से करोड़ों भक्तजन श्री गिर्राज धरण महाराज (गोवर्धन बाबा) की परिक्रमा लगाने के लिए मथुरा में आने वाले हैं। हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के द्वारा की गई भारी-बारिश से एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों को कैसे बचाया था।
लेकिन विकास खंड: फरह के गांव: हदय और ग्राम पंचायत: पींगरी निवासी भूरी देवी नाम की महिला जो कि सालों से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थी और मंगलवार सुबह उसकी मृत्यु हो गई थी। सुबह से तेज वर्षा होने के चलते परिजनों के सामने महिला का अंतिम संस्कार करने की मुसीबत आकर खड़ी हो गई। जिस पर परिजनों ने शमशान घाट में त्रिपाल लगा कर उस महिला का अंतिम संस्कार किया।
अब कोई यह बताएं उस बेचारी महिला क्या का क्या कसूर जिसको अपने अंतिम संस्कार के लिए मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध न हो सकी। क्या यह धर्म का अपमान नहीं है और इसको लेकर पक्ष विपक्ष में आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाएगा और मूल सवाल पीछे छूट जाएग कि कैसे आज भी हमारे गांव की मूलभूत समस्याओं निराकरण क्यों नहीं हो पा रहा है। जब इस मुद्दे धनंजय जायसवाल, जिला पंचायत राज अधिकारी, मथुरा और खंड विकास अधिकारी: नेहा रावत, फरह से संपर्क करने की कोशिश की तब उनका फोन आउट ऑफ कवरेज एरिया बताता रहा।