नई दिल्ली: मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है, जिसका एजेंडा अब तक साफ नहीं हो पाया है. इस सत्र को लेकर अब कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर बिल पेश करने जा रही है. इसे लेकर विपक्ष की तरफ से विरोध भी शुरू हो चुका है और इसके फायदे-नुकसान गिनाए जा रहे हैं. इसी बहस के बीच हम आपको ये बता रहे हैं कि दुनिया के किन देशों में ये एक देश एक चुनाव वाली नीति अपनाई जाती है. यानी यहां एक ही बार चुनाव कराए जाते हैं.
भारत में सरकार का पक्ष रखने वालों का कहना है कि देश में अलग-अलग वक्त में होने वाले चुनावों में पैसा खर्च होता है और व्यवस्थाएं करनी होती हैं, इसीलिए एक ही बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराए जाने चाहिए. खुद प्रधानमंत्री मोदी भी इसकी वकालत कर चुके हैं. जिसके बाद इसे लेकर सरकार संसद में बिल पेश कर सकती है.
इन देशों में है ‘वन नेशन वन इलेक्शन’
दुनिया के कई देश पहले से ही ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के फॉर्मूले पर चल रहे हैं. इन देशों में जर्मनी, हंगरी, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, स्पेन, स्लोवेनिया, अल्बानिया, पोलैंड और बेल्जियम जैसे देशों में एक ही बार चुनाव कराने की परंपरा है. पिछले दिनों स्वीडन ने भी एक साथ अपने चुनाव कराए थे, जिसके बाद ये भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जो ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के फॉर्मूले पर चल रहे हैं.
हालांकि भारत में भी इस व्यवस्था के तहत चुनाव हो चुके हैं. आजादी के बाद चार चुनाव लगातार इसी व्यवस्था के तहत किए गए. साल 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुए थे. इसके बाद कुछ राज्यों की विधानसभाएं पहले ही भंग होने के चलते ये व्यवस्था टूट गई थी.