बिहार डेस्क/पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है, और महागठबंधन के चेहरे तेजस्वी यादव के लिए यह जंग नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए से सीधी टक्कर वाली है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, तेजस्वी के लिए सत्ता हासिल करना बिना ट्रिपल M फैक्टर को साधे संभव नहीं लगता। यह फैक्टर बिहार की राजनीति का अहम वोट बैंक है, जो पिछले 20 सालों से नीतीश कुमार की सत्ता का आधार रहा है। आइए, विस्तार में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
ट्रिपल M फैक्टर क्या है ?
ट्रिपल M का मतलब है मुस्लिम (Muslim), महिला (Mahila), और मोस्ट बैकवर्ड (Most Backward) वोटर। बिहार की जनसंख्या में ये तीन समूह मिलकर करीब 50-60% वोटर आधार बनाते हैं:मुस्लिम वोटर: बिहार में मुस्लिम आबादी लगभग 17% है, जो महागठबंधन (खासकर RJD) का कोर सपोर्टर है। 2020 के चुनाव में भी यह समुदाय तेजस्वी के पक्ष में गया था, लेकिन नीतीश की जेडीयू ने कुछ हिस्सों को एनडीए की ओर खींच लिया।
महिलाओं और मोस्ट बैकवर्ड वोटर !
महिलाओं का वोट शेयर बढ़ रहा है (करीब 49% वोटर), और नीतीश की योजनाएं जैसे 50% आरक्षण, साइकिल वितरण, और शराबबंदी ने इन्हें मजबूती से बांध रखा है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 चुनाव में महिला वोट नीतीश के पक्ष में झुकाव दिखा रही हैं। मोस्ट बैकवर्ड वोटर EBC (Extremely Backward Classes) और MBC (Most Backward Classes) मिलाकर बिहार के 63% वोटर हैं। नीतीश ने इन्हें 2023 में 65% आरक्षण देकर अपना वोट बैंक बनाया। तेजस्वी को इन्हें तोड़ना होगा, वरना 2020 जैसी हार दोहराई जा सकती है।
क्यों है यह तेजस्वी के लिए चुनौती ?
नीतीश ने महिला और MBC वोट से 20 साल सत्ता संभाली। 2020 में तेजस्वी 155 सीटें लाकर सत्ता की दहलीज पर पहुंचे, लेकिन MBC का एक हिस्सा एनडीए गया। इस बार ट्रिपल M साधे बिना 243 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत (122+) हासिल करना मुश्किल।
2025 का नया समीकरण
चुनावी एक्सपर्ट प्रकाश मेहरा के विश्लेषण के अनुसार, “बिहार में डेमोग्राफिक शिफ्ट हो रहा है—युवा और महिलाएं बदलाव चाहती हैं, लेकिन नीतीश का ‘मोदी फैक्टर’ (बीजेपी समर्थन) MBC को बांध सकता है। तेजस्वी का ‘MY BAAP’ फॉर्मूला (महिला-युवा-बेरोजगार) इसी ट्रिपल M को टारगेट करता है, लेकिन कांग्रेस-CPI(ML) से CM चेहरा तय न होने से पेच फंस गया है। जन सुराज पार्टी MBC वोट काट सकती है, जो तेजस्वी के खिलाफ जाएगी। BBC पैनल डिस्कशन में कहा गया कि PK का फैक्टर नीतीश के अंतिम चुनाव को और जटिल बना सकता है।
तेजस्वी की रणनीति कैसे साधेंगे ट्रिपल M ?
तेजस्वी की नजर इन तीनों पर है। रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम: MY समीकरण (मुस्लिम-यादव) को मजबूत रखना, अल्पसंख्यक कल्याण का वादा। महिला: रोजगार और सुरक्षा योजनाओं से काउंटर, जैसे ‘हर घर नौकरी’ का वादा। EBC सम्मेलनों से समर्थन जुटाना, आरक्षण को और मजबूत बनाने का ऐलान।
अगर तेजस्वी ट्रिपल M को 70% भी साध लेते हैं, तो महागठबंधन 130+ सीटें ला सकता है। लेकिन महिला वोट का झुकाव नीतीश की ओर होने से खेल पलट सकता है। कुल मिलाकर, यह फैक्टर ही तय करेगा कि बिहार का सिंहासन तेजस्वी को मिलेगा या नीतीश बरकरार रहेंगे।






