नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों चौतरफा मुश्किलों में घिरे हुए हैं। उन्हें एक साथ कई मुकदमों और पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां रविवार को दिल्ली के शराब घोटाले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने उनसे 9 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की तो अब उन्हें गोवा से गुजरात तक कानूनी प्रक्रियाओं का सामना करना है। गोवा में जहां पुलिस उनसे पूछताछ करेगी तो गुजरात में एक मानहानि केस में कोर्ट में पेशी होनी है।
सीबीआई से मिल गया छुटकारा?
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को आरोपी नहीं बनाया गया है। लेकिन ईडी की चार्जशीट में कुछ जगहों पर उनका नाम लिया गया है। वहीं, सीबीआई का भी कहना है कि कुछ आरोपियों ने पूछताछ में उनका नाम लिया है और इसको लेकर उनसे पूछताछ करना जरूरी था। 9 घंटे की पूछताछ के बाद जब केजरीवाल बाहर निकले तो उन्होंने कहा कि एजेंसी ने उन्हें दोबारा नहीं बुलाया है। हालांकि, जांच एजेंसी की ओर से अभी इस पर कुछ नहीं कहा गया है। सूत्रों की मानें तो केजरीवाल की ओर से दर्ज कराए गए बयानों और अन्य आरोपियों के बयानों की जांच के बाद यह तय किया जाएगा कि केजरीवाल से आगे पूछताछ होगी या नहीं। फिलहाल सीबीआई वाली पहली मुश्किल तो उन्होंने पार कर ली है। पूछताछ के बाद मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बाहर आए केजरीवाल ने यह जताने की कोशिश की कि सबकुछ ठीक ठाक है। उनके लिए असहज या परेशान होने वाली स्थिति नहीं है।
अब गोवा पुलिस क्यों करेगी पूछताछ
गोवा पुलिस ने 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध रूप से पोस्टर चिपकाने के एक मामले में अरविंद केजरीवाल को तलब किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को 27 अप्रैल को पेश होने को कहा गया है। पेरनेम पुलिस के मुताबिक, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) के तहत केजरीवाल को नोटिस जारी किया है। इसके तहत पुलिस किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुला सकती है यदि ‘उचित’ शिकायत या संदेह है कि उसने अपराध किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पेरनेम पुलिस विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सार्वजनिक स्थलों की दीवारों पर चुनावी पोस्टर चिपकाने के मामले की जांच कर रही है। केजरीवाल ने कहा है कि वह निश्चित तौर पर पुलिस के सामने पेश होंगे।
डिग्री मामले में कोर्ट ने किया तलब
इन दिनों पीएम मोदी की शिक्षा और उनकी डिग्री पर सवाल उठाने वाले केजरीवाल को इस मुद्दे पर दोहरे झटके का सामना करना पड़ा है। पहले गुजरात हाई कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया तो अब एक कोर्ट ने उन्हें समन कर लिया है। पीएम डिग्री को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ कथित व्यंग्यात्मक और अपमानजक बयान देने पर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की एक शिकायत की गई है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयेशभाई चोवटिया की अदालत ने केजरीवाल और उनके सहयोगी संजय सिंह को तलब किया। 23 मई को दोनों को पेश होने के लिए कहा गया है।