नई दिल्ली: अमेरिका ने रविवार को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान पर ऐतिहासिक हवाई हमले किए. ये हमले बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स से किए गए हैं. ये फाइटर जेट्स 37 घंटे की नॉन-स्टॉप उड़ान भर कर ईरान के हवाई क्षेत्र में दाखिल हुए. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरने वाले इन विमानों ने हवा में कई बार ईंधन भरा और 12 GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बमों के साथ-साथ 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया. यह पहला मौका था जब अमेरिका ने GBU-57 बंकर बस्टर बम को युद्ध में इस्तेमाल किया.
फोर्दो परमाणु प्लांट पहाड़ के भीतर 80-110 मीटर गहराई में बना है. इसे इजरायली हथियारों से नष्ट करना असंभव माना जाता था. सीएनएन के हवाले से एक इजरायली खुफिया अधिकारी ने कहा कि इन हमलों की क्षति का आकलन अभी प्रारंभिक है. हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे शानदार सैन्य सफलता करार देते हुए दावा किया कि फोर्दो पूरी तरह नष्ट हो गया. वहीं ईरान की परमाणु ऊर्जा आयोग ने कहा कि कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ और आसपास के निवासी सुरक्षित हैं.
हमले की योजना और निष्पादन बेहद जटिल था. बी-2 बॉम्बर्स 13,600 किलोग्राम वजनी GBU-57 बम ले जाने में सक्षम एकमात्र विमान हैं. इन विमान ने 7,000 मील से अधिक की दूरी तय की. इन विमानों ने रूस निर्मित ईरानी हवाई रक्षा प्रणालियों को चकमा देने के लिए अपनी स्टील्थ तकनीक का इस्तेमाल किया. प्रत्येक बी-2 ने दो GBU-57 बम ले गए और नतांज पर भी दो बंकर बस्टर बम गिराए गए. इसके अलावा अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बियों ने नतांज और इस्फहान पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं.
इजरायल के अनुरोध पर हमला
यह हमला इजरायल के अनुरोध पर हुआ. इजरायल ने अप्रैल में अमेरिका से फोर्डो को नष्ट करने के लिए बंकर बस्टर बमों की मांग की थी. इजरायल ने 13 जून से शुरू हुए अपने अभियान ऑपरेशन राइजिंग लायन में ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गए.
हमले से पहले बी-2 बॉम्बर्स को गुआम के एंडरसन एयरफोर्स बेस की ओर भेजा गया था, जो हमले की संभावना का संकेत था. 37 घंटे की उड़ान में कई बार हवा में ईंधन भरना पड़ा, क्योंकि भारी बमों के कारण विमान पूर्ण ईंधन टैंक के साथ उड़ान नहीं भर सके. यह मिशन बी-2 की लंबी दूरी और स्टील्थ क्षमता का शानदार प्रदर्शन था.
हमले के बाद तेल की कीमतें 10% बढ़ गईं और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता आई. भारत ने संयम की अपील की, क्योंकि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए खाड़ी क्षेत्र पर निर्भर है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने चेतावनी दी कि फोर्दो पर हमले से रेडियोलॉजिकल रिसाव का खतरा था, हालांकि अभी कोई बड़ा खतरा नहीं दिखा. ईरान ने इस हमले को लेकर जवाबी कार्रवाई की है. उसने इजरायल में फिर से मिसाइलें दागी है.