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तेजस और सुखोई में लगेगी ये खतरनाक मिसाइल, दुश्मन दिखेगा नहीं, बस खत्म हो जाएगा!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
October 16, 2025
in राष्ट्रीय
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sukhoi
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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में भारत के लोगों ने एक नया टर्म सुना. बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल (Beyond Visual Range) और स्टैंडऑफ हथियार (Standoff Weapons). आसान भाषा में कहें तो ये वो हथियार हैं जिन्हें सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तक दागा जा सकता है. माने विजुअल रेंज यानी जहां तक आंखों से देख सकते हैं, उससे कहीं दूर. और अब भारत ने इस दिशा में बड़ी छलांग लगाते हुए 110 किलोमीटर रेंज वाली अस्त्र मिसाइल (Astra Mk1) को अपग्रेड करने जा रहा है. अस्त्र मिसाइल का नया वेरिएंट अस्त्र मार्क-2 (Astra Mk2) जल्द ही सेना में शामिल किया जाएगा. मार्क 2 वेरिएंट की रेंज, मार्क 1 से लगभग 100 किलोमीटर अधिक होगी. तो समझते हैं क्या है इस मिसाइल में, और कैसे ये भारत को आगे किसी भी बियॉन्ड विजुअल रेंज वॉरफेयर में दुश्मन पर बढ़त दिलाएगा.

डॉग फाइट का जमाना गया, अब चलेंगे स्टैंडऑफ हथियार

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साल 2019 के फरवरी महीने को याद करिए. भारत-पाकिस्तान के बीच आखिरी बार तभी ऐसा हुआ था जब दोनों देशों के फाइटर जेट्स, एक-दूसरे के आमने-सामने आए थे. इस तरह की लड़ाई को मिलिट्री की भाषा में डॉग फाइट कहा जाता है. इस स्थिति में दो दुश्मन विमान काफी करीबी लड़ाई में इंगेज होते हैं. कभी-कभी तो ये इतने करीब होते हैं कि मिसाइल्स की जगह ये विमान में लगी हाई-कैलिबर बंदूक का इस्तेमाल करते हैं.

सुखोई में लगी अस्त्र मिसाइल

लेकिन समय के साथ पायलट्स की सुरक्षा और विमानों को नुकसान से बचाने के लिए एक नई तकनीक ने आकार लेना शुरू किया. इसी तकनीक को बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) कहते हैं. उदाहरण के लिए अगर भारत का सुखोई अगर अमृतसर के ऊपर है तो वो आराम से लाहौर के ऊपर उड़ रहे किसी विमान को टारगेट कर सकता है. इस टारगेटिंग के लिए इंफ्रारेड जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. अगर दुश्मन का विमान आपके विमान के रडार पर दिख रहा है, भले ही वो 150-200 किलोमीटर दूर हो, तो उसी रडार डिटेक्शन का इस्तेमाल कर उसे लॉक किया जा सकता है. चूंकि इसमें बॉर्डर या नियंत्रण रेखा के पीछे रह कर ही हमला किया जाता है इसलिए ऐसे हथियारों को स्टैंडऑफ हथियार कहा जाता है.

भारत की BVR मिसाइल्स ने तबाह किए थे आतंकी ठिकाने

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस हुई थी. इस प्रेस कांफ्रेंस में भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO), डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशंस (DGAO) एयर मार्शल एके भारती और डायरेक्टर जनरल ऑफ नेवल ऑपरेशंस (DGNO) वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद ने इस ऑपरेशन की बारीकियां बताई थीं.

तीनों अधिकारियों ने ये साफ किया कि आतंकी कैंप्स को उड़ाने के लिए एयरफोर्स ने सीमा को पार नहीं किया. कहा गया कि भारत ने रफाल से स्कैल्प जैसी खतरनाक BVR मिसाइल इस्तेमाल की है. साथ ही भारत ने स्वदेशी तौर पर बनाई गई अस्त्र मिसाइल को सुखोई SU30-MKI से लॉन्च किया. और अब भारत इसी अस्त्र मिसाइल के मार्क 2 (Astra Mk2) वर्जन को पेश करने की तैयारी में है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक इस नए वेरिएंट की रेंज अपने पिछले वर्जन से कहीं अधिक है. तो समझते हैं, क्या है अस्त्र मिसाइल और इसकी ताकत.

अस्त्र मिसाइल – नाम के मुताबिक काम

‘अस्त्र’ शब्द को देखें तो इसकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है. और यह ‘आ’ और ‘स्तृ’ (stṛ) शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “फेंकना” या “छिड़कना”. दो तरह के हथियार होते हैं जिन्हों अस्त्र और शस्त्र की कैटेगरी में बांटा गया है. वो हथियार जिन्हें हाथ में लेकर लड़ा जाता है, जैसे तलवार या बंदूक, उन्हें शस्त्र कहते हैं. वहीं वो हथियार जिन्हें फेंककर इस्तेमाल किया जाता है, जैसे भाला या मिसाइल, उन्हें अस्त्र कहा जाता है. अस्त्र मिसाइल का नाम इसी आधार पर रखा गया है.

अस्त्र मिसाइल का मार्क 1, साल 2019 से भारतीय वायुसेना में शामिल है. इसे फिलहाल सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट से दागा जाता है. इस मिसाइल की रेंज 110 किलोमीटर है. और अब DRDO द्वारा डेवलप की गई इस मिसाइल का नया वेरिएंट आ रहा है. नाम है अस्त्र मार्क 2. ये वेरिएंट पिछले वाले से 100 किलोमीटर अधिक रेंज रखता है. इसके कुछ संभावित फीचर्स पर नजर डालें तो –

  • डेवलपर : DRDO
  • बनाने वाली कंपनी: भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL)
  • स्पीड: लगभग मैक 5 (1 मैक में 1234.8 किलोमीटर प्रति घंटा)
  • रेंज: 200 किलोमीटर से अधिक
  • इस्तेमाल: सुखोई Su-30MKI और तेजस फाइटर जेट
  • ऊंचाई: लगभग 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक सफलतापूर्वक ऑपरेट करने में सक्षम

भारत को Astra Mk2 से क्या फायदा होगा?

कुछ ही समय पहले एक खबर आई थी कि अमेरिका, पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइल दे रहा है. ये F-16 फाइटर जेट में लगने वाली मिसाइल है. वहीं पाकिस्तानी एयरफोर्स के चाइनीज विमान जैसे J-10 और JF-17 में PL-15 BVR मिसाइल्स का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं भारत के रफाल में लगने वाली Scalp मिसाइल को छोड़ दें तो अस्त्र को स्वदेशी तौर पर बनाया गया है. इससे भारत को ये फायदा है कि उसे अपने BVR हथियार के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होता. आने वाले समय में चुनौतियां और बढ़ सकती हैं.

पाकिस्तान की फितरत देख कर ये मुश्किल लगता है कि वो आतंकवाद को पनाह देना बंद करेगा. वजह है कि पाकिस्तान में आर्मी का राज है. और पाक आर्मी का एक ही टारगेट है, Bleed India With Thousand Cuts. यानी भारत को सीधे युद्ध में नहीं हरा सकते तो कोई बात नहीं, उसे लगातार छोटे-छोटे जख्म देते रहो और उसमें आर्मी से ज्यादा आतंकवाद का इस्तेमाल करो. ऐसे में ये जरूरी है कि भारत अपनी रक्षा के लिए न सिर्फ उन्नत हथियारों से लैस हो, बल्कि आत्मनिर्भर भी हो. और इस कड़ी में अस्त्र मिसाइल की पूरी सीरीज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी क्योंकि आने वाला समय स्टैंडऑफ हथियारों और BVR मिसाइल्स का ही है.

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