नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह से प्रदूषण बढ़ गया है। कई इलाकों में हवा का स्तर गंभीर हो चुका है। दोपहर 12 बजे दिल्ली का ओवरऑल AQI 445 दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में AQI 503 तक पहुंच गया है। अगर एक दिन पहले की बात करें तो रविवार शाम 4 बजे तक दिल्ली का AQI 200 से भी कम था। लेकिन दिवाली के दूसरे दिन ये काफी ज्यादा बढ़ गया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय दिल्ली के प्रदूषण की वजह पटाखे बता रहे हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स पटाखे के साथ-साथ दिल्ली की सड़कों पर चल रहे वाहन के धुएं को भी इसकी वजह बता रहे हैं। दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने की कहानी नई नहीं है, लगभग हर साल दिवाली के दूसरे दिन हवा खराब हो ही जाती है। आज हम आपको पिछले पांच सालों में दिवाली से पहले और बाद के प्रदूषण के बारे में बता रहे हैं।
देखिए किस साल दिवाली पर कितना AQI
साल दिवाली के एक दिन पहले दिवाली के दिन अगले दिन
2018 338 281 390
2019 287 337 368
2020 339 414 435
2021 314 382 462
2022 259 312 303
2023 224 202 283
हर साल की यही कहानी तो इस बार इतना हंगामा क्यों?
दिल्ली में इस साल प्रदूषण ने पुराने कई रेकॉर्ड तोड़ दिए। पिछले हफ्ते लगातार 8 दिन तक हवा जहरीली रही। दिल्ली में AQI 500 को पार कर गया, सरकार ने इसे कंट्रोल करने के लिए ग्रैप-4 भी लागू कर दिया। दिल्ली सरकार तो दिवाली बाद ऑड-ईवन लगाने का मूड बना चुकी थी। इतना ही नहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए IIT कानपुर की सहयोग से दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी कर रही थी। लेकिन इस बीच शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में झमाझम बारिश हो गई और प्रदूषण धुल गया। जिन इलाकों में AQI 500 को पार कर चुका था वो घट कर 100 के आसपास पहुंच गया। तीन दिन पहले दिल्ली में प्रदूषण के जितने हालात खराब थे उतने तो अभी भी नहीं हैं।
केवल पटाखों को जिम्मेदार ठहराना कितना सही?
दिल्ली-एनसीआर में बढ़े प्रदूषण के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय समेत तमाम लोग पटाखों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने तो अपने बयान में पटाखे चलाने के लिए बीजेपी सरकारों को जिम्मेदार बताया। CPCB के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में सुबह 6 बजे AQI 300 के आसपास था। कई जगहों पर तो इससे भी कम था। आसमान में हल्की धुंध जरूर थी। लेकिन दिन होते-होते ये बढ़ गया। एक्सपर्ट्स की मानें, तो दिल्ली में प्रदूषण की एक बड़ी वजह वाहनों से निकलने वाला धुआं भी है। दिन में जब लोग अपने घरों से वाहनों से निकले उसके बाद से प्रदूषण बढ़ गया। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट CSE के एक्सपर्ट विवेक चट्टोपाध्याय का कहना है कि हवा शांत हो गई है और इसकी गति धीमी हो रही है जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
मनोज तिवारी का पटाखा बैन पर बयान
इस बीच पटाखा बैन को लेकर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का भी बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘बहुत कम पटाखे और ग्रीन पटाखे फोड़े गए… लेकिन कांग्रेस और अन्य पार्टियों को लोगों के दिवाली मनाने से दिक्कत है। उनका दर्द है कि सनातनी लोग अपना त्योहार नहीं मना पाएं… दो दिन पहले बारिश हुई थी। बारिश से पहले AQI क्या था और अब कितना है? …. ये कम है।’