प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली। एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच तनाव का मुख्य कारण ट्रंप का प्रस्तावित “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” है, जो एक नया टैक्स और खर्च विधेयक है। इस बिल को लेकर दोनों के बीच मतभेद उभरे हैं, जो अब सार्वजनिक और राजनीतिक जंग में बदल गए हैं।
एलन मस्क ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था। मस्क ने ट्रंप को “अमेरिका का असली राष्ट्रपति” तक कहा और उनके प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई। ट्रंप ने भी मस्क को सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का प्रमुख नियुक्त किया था। लेकिन हाल के महीनों में दोनों के रिश्तों में खटास आ गई।
‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ !
यह बिल ट्रंप प्रशासन का एक महत्वाकांक्षी टैक्स और खर्च प्रस्ताव है, जिसे ट्रंप अपनी सरकार की प्रतिष्ठा से जोड़ते हैं। मस्क ने इस बिल की तीखी आलोचना की, इसे “कर्ज की गुलामी” वाला और “पागलपन भरा” बताया। उनका कहना है कि यह बिल अमेरिका के राष्ट्रीय कर्ज को 2.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़ाकर 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जा सकता है, जिससे आम नागरिकों पर बोझ बढ़ेगा।
If this insane spending bill passes, the America Party will be formed the next day.
Our country needs an alternative to the Democrat-Republican uniparty so that the people actually have a VOICE.
— Elon Musk (@elonmusk) June 30, 2025
मस्क की नई पार्टी की धमकी!
मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि “अगर यह बिल संसद में पास हुआ, तो वह अगले ही दिन “अमेरिका पार्टी” नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। उनका तर्क है कि अमेरिका को डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों के अलावा एक तीसरे विकल्प की जरूरत है, जो मध्यम वर्ग की आवाज उठाए।”
मस्क ने यह भी दावा किया कि “उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के तीन सांसदों को इस बिल के खिलाफ कर लिया है, जिससे ट्रंप के लिए इसे पास कराना मुश्किल हो सकता है।”
6 जून को मस्क ने X पर एक पोल चलाया, जिसमें 81% लोगों ने नई पार्टी के पक्ष में वोट दिया, जिससे उनके इस कदम को भारी समर्थन मिला।
ट्रंप का पलटवार !
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर मस्क पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मस्क को “इतिहास में किसी भी व्यक्ति से ज्यादा सरकारी सब्सिडी” मिली है, और अगर यह सब्सिडी बंद हुई, तो मस्क को अपनी कंपनियां (टेस्ला, स्पेसएक्स) बंद कर साउथ अफ्रीका लौटना पड़ेगा। ट्रंप ने यह भी धमकी दी कि मस्क की कंपनियों को मिलने वाले सरकारी अनुबंधों और सब्सिडी की जांच होगी, खासकर DOGE के जरिए, जिसका नेतृत्व मस्क के पास था।
ट्रंप ने कहा कि “वह इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अनिवार्य करने वाली नीतियों के खिलाफ हैं, और हर किसी को इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह मस्क की कंपनी टेस्ला के लिए सीधा खतरा है, क्योंकि इस बिल में EV टैक्स क्रेडिट और स्वच्छ ऊर्जा प्रोत्साहन को खत्म करने का प्रावधान है।”
पहले का तनाव और माफी !
यह विवाद नया नहीं है। जून 2025 में मस्क और ट्रंप के बीच तनाव तब बढ़ा जब मस्क ने ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाए, जैसेthat they claimed ट्रंप का नाम जेफरी एप्स्टीन फाइल्स में शामिल है और वह उनकी वजह से ही चुनाव जीते।
मस्क ने 11 जून को X पर माफी मांगी, यह कहते हुए कि उनकी कुछ पोस्ट “हद से ज्यादा” थीं। ट्रंप ने इस माफी को स्वीकार किया, लेकिन ताजा विवाद से साफ है कि दोनों के बीच तल्खी बरकरार है। मस्क और ट्रंप के बीच तनाव से टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट आई। 2025 में टेस्ला के शेयर 19% नीचे हैं, जिससे कंपनी का मार्केट वैल्यू लगभग 300 बिलियन डॉलर कम हुआ।
सरकार की साख का सवाल
6 जून को एक ही दिन में टेस्ला का मार्केट कैप 150 बिलियन डॉलर घट गया, और मस्क की नेटवर्थ 33.9 बिलियन डॉलर कम होकर 335 बिलियन डॉलर रह गई। ट्रंप के लिए यह बिल उनकी सरकार की साख का सवाल है, और मस्क का विरोध उनकी पार्टी के भीतर भी चुनौती पैदा कर सकता है।
हालांकि मस्क का जन्म साउथ अफ्रीका में हुआ था, और वह 17 साल की उम्र में कनाडा और फिर अमेरिका चले गए। ट्रंप का “साउथ अफ्रीका लौट जाओ” वाला बयान मस्क की विदेशी जड़ों पर एक तंज है, जिसे कई लोग व्यक्तिगत हमला मान रहे हैं।
विवाद व्यक्तिगत या राजनीतिक नहीं
यह विवाद सिर्फ व्यक्तिगत या राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और तकनीकी नीतियों से जुड़ा है। मस्क का मानना है कि ट्रंप का बिल अमेरिका की अर्थव्यवस्था और उनकी कंपनियों के लिए नुकसानदायक है, जबकि ट्रंप इसे करदाताओं के पैसे बचाने का तरीका बता रहे हैं। मस्क की नई पार्टी की धमकी और ट्रंप की सब्सिडी खत्म करने की चेतावनी ने इस तनाव को और गहरा कर दिया है।वर्तमान स्थिति 1 जुलाई 2025 तक दोनों के बीच जुबानी जंग जारी है।
मस्क ने बिल को रोकने के लिए सांसदों को प्रभावित करने की कोशिश की है, जबकि ट्रंप ने DOGE के जरिए मस्क की कंपनियों की जांच की धमकी दी है। यह विवाद न केवल मस्क और ट्रंप के रिश्तों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अमेरिकी राजनीति, टेक्नोलॉजी सेक्टर, और वैश्विक बाजारों पर भी इसका असर दिख रहा है।
क्या मस्क वाकई नई पार्टी बनाएंगे ?
मस्क और ट्रंप के बीच यह तनाव नीतिगत मतभेद, व्यक्तिगत अहं और आर्थिक हितों का टकराव है। मस्क की नई पार्टी की धमकी और ट्रंप की सब्सिडी खत्म करने की चेतावनी से यह साफ है कि दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस विवाद का भविष्य अमेरिकी संसद में बिल के पारित होने या न होने पर निर्भर करेगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मस्क वाकई नई पार्टी बनाते हैं या ट्रंप अपनी धमकी को अमल में लाते हैं।