नई दिल्ली : पश्चिमी देशों और अमेरिका की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रूस की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में रूस ने इंपोर्ट रिप्लेसमेंट के लिए भारत को एक बड़ा प्रस्ताव दिया है. भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) विदेशी कलपुर्जों के साथ संयुक्त रूप से सुखोई सुपरजेट के निर्माण पर बातचीत कर रहे हैं.
यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन के महानिदेशक यूरी बी. स्लूसर ने इस बात की पुष्टि की है. एयरो इंडिया शो 2023 के दौरान स्लूसर ने कहा कि रूस में रूसी कलपुर्जों से और भारत में विदेशी कलपुर्जों की मदद से सुखोई सुपरजेट का निर्माण करने की योजना है.
यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण अमेरिका समेत पश्चिमी देश रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं.
क्या है रूस का प्रस्ताव?
पिछले सप्ताह बेंगलुरु में आयोजित हुए एयरो इंडिया शो 2023 के दौरान यूरी बी. स्लूसर ने कहा, “हमने भारतीय कंपनी (HAL) को भारत में विदेशी कलपुर्जों के साथ सुखोई सुपरजेट को संयुक्त रूप से बनाने की पेशकश की है. रूस में रूसी कलपुर्जों से और भारत में विदेशी कलपुर्जों की मदद से सुखोई सुपरजेट बनाने की योजना है जिसे बहुत तेजी से अंजाम दिया जा सकता है.”
Superjet -100 एक 100 सीटों वाला नागरिक विमान है. इसे सुखोई कॉर्पोरेशन ने डिजाइन और विकसित किया है. हालांकि, सुखोई को अब यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) के साथ विलय कर दिया गया है. अन्य प्रमुख विमान निर्माण कंपनियां जैसे- इल्युशिन और टुपोलेव का भी जल्द ही यूएसी में विलय होने वाला है.
यूरी बी. स्लूसर ने कहा कि सुपरजेट पहला भारतीय निर्मित नागरिक विमान हो सकता है, जो राष्ट्रीय विमानन प्राधिकरणों के मानकों को पूरा करता है. पिछले हफ्ते ही एयरो इंडिया शो के दौरान टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने 470 नागरिक विमानों की खरीदने की घोषणा की है. इनमें से दुनिया की सबसे बड़ी विमान निर्माताओं एयरबस से 250 और बोइंग से 220 विमान खरीदे जाएंगे.
विमानन क्षेत्र में भविष्य की जरूरतों को पूरा करने और स्थानीय स्तर पर लड़ाकू जेट इंजन के निर्माण के लिए भारत फिलहाल तीन ग्लोबल इंजन निर्माताओं- जनरल इलेक्ट्रिक, रोल्स रॉयस और सफरान से डील करने पर विचार कर रहा है.
रूस पर लगे मौजूदा प्रतिबंधों पर बात करते हुए स्लूसर ने कहा कि सुपरजेट में कई विदेशी कलपुर्जे लगते हैं, जिसे यूरोपीय एजेंसियों द्वारा सर्टिफाइड किया जाता था. प्रतिबंध के कारण वर्तमान में सुपरजेट में सिर्फ रूसी कलपुर्जों का इस्तेमाल हो रहा है.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ही क्यों?
भारत में संयुक्त भागीदार के रूप में एचएएल की पसंद पर पूछे गए सवाल पर यूरी बी. स्लूसर ने कहा कि रूस का एचएएल के साथ व्यापक सैन्य सहयोग है. ऐसे में एचएएल एक अनुकूल प्लेटफॉर्म होगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि वे अन्य इंडियन प्राइवेट सेक्टर के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा, “अब तक कुल 200 सुपरजेट विमानों का निर्माण किया गया है और ये सभी एक्टिव हैं. ऐसे में भारत की ‘उड़ान योजना’ को सफल बनाने में सुपरजेट विमान पूरी तरह से उपयोगी साबित होगा.”
सुखोई अपग्रेडशन पर रूस के साथ बातचीत जारी
सुखोई-30 MKI बेड़े के अपग्रेडेशन के लिए भारत और रूस के बीच पिछले कुछ समय से बातचीत चल रही है. जिससे फाइटर प्लेन को बेहतर रडार, वैमानिकी और हथियार प्रदान किए जा सकें.
इस पर स्लूसर ने कहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है. उन्होंने सिर्फ टेक्निकल अपग्रेडेशन की बात की है. हम एचएएल के साथ भारत में काफी कुछ अपग्रेड करने की योजना बना रहे हैं. यह भारत के लिए काफी जरूरी है कि भारत में ही अपग्रेडेशन और टेस्टिंग हो.
हालांकि, भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने पहले कहा था कि पूरे बेड़े का अपग्रेडेशन एक साथ ही किया जाएगा. लेकिन पूरे बेड़े को अपग्रेड करने में लगने वाली लागत और समय को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने इस चरणबद्ध करने का फैसला किया है.
SU-30MKI विमान को लेकर यूरी बी. स्लूसर ने कहा कि वो इसमें भारतीय निर्मित उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा हमने भारत को नए इंजन सहित कई और भी विकल्प की पेशकश की है.बाकी का फैसला भारतीय वायुसेना को करना है.