नई दिल्ली: ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान यूं तो पूरी दुनियां भारत के साथ खड़ी दिखाई दी, लेकिन तुर्किए और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया. इस दौरान पाकिस्तान ने भारत पर आत्मघाती हमला करने के लिए तुर्किए में बने ड्रोन का इस्तेमाल किया. अब इन दोनों देशों के खिलाफ भारत के लोगों में भारी गुस्सा और रोष है. गुस्सा जाहिर करने के लिए भारी संख्या में लोगों ने तुर्किए और अजरबैजान के टूर को कैंसिल कर दिया है. अभी कुछ दिनों पहले सिंगर विशाल मिश्रा ने भी इन दोनों देशों में ना जाने और कॉन्सर्ट न करने की कसम खाई थी.
ऑल इंडिया टूरिस्ट फेडरेशन के नेशनल कोऑर्डिनेटर अजय सिंह ने बताया कि पिछले तीन दिनों में सिर्फ पूर्वांचल से 15000 से ज्यादा पर्यटकों ने अपना प्लान और टिकट कैंसिल करा लिया है. पिछले साल 37500 लोगों ने इन दोनों देशों की यात्रा की थी. अभी तो तीन दिन का ही ये आंकड़ा है, उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में ये संख्या 25 हजार से 30 हजार के बीच जा सकती है.
‘नहीं लग रहा कैंसिलेशन चार्ज’
अजय सिंह ने बताया कि सबसे बड़ी बात तो ये है कि कॉक्स एंड किंग्स, एसओटीसी और इज माय ट्रिप जैसी ट्रैवेल कम्पनियां और एयर इंडिया सहित कई एयरलाइन्स कंपनी कोई कैंसिलेशन चार्ज भी नही ले रही हैं. वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ श्रावस्ती और बहराइच से ज्यादा लोग इन दोनों देशों की यात्रा पर जाते हैं. तुर्किए और अजरबैजान से करीब दस हजार से ज्यादा पर्यटक वाराणसी आते हैं.
पाकिस्तान के साथ देने की चुकानी होगी कीमत
ऑपरेशन सिन्दूर का असर वहां से आने वाले पर्यटकों पर कैसा पड़ा ये टूरिज़्म सीजन में ही पता चलेगा, जो कि अक्टूबर से मार्च के बीच होता है. अजय सिंह ने बताया कि इन दोनों देशों की जीडीपी का दस फीसदी हिस्सा पर्यटन से आता है. अजरबैजान में तो सत्तर फीसदी पर्यटक भारत से जाते हैं. अजरबैजान की राजधानी बाकू बहुत तेजी से बैंकाक की जगह लेते जा रहा है. पाकिस्तान का साथ देने की कीमत टर्की से ज्यादा अजरबैजान को चुकाना पड़ेगा.