Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विशेष

अमेरिका का ‘बंकर बस्टर’ बम जो ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने को मिटा सकता है !

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
June 19, 2025
in विशेष, विश्व
A A
bunker buster' bomb
13
SHARES
426
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

स्पेशल डेस्क/नई दिल्ल्ली: अमेरिका का GBU-57A/B मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP), जिसे “बंकर बस्टर” बम के रूप में जाना जाता है, वह हथियार है जो ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों, विशेष रूप से फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट, को नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह बम विशेष रूप से गहरे भूमिगत बंकरों और मजबूत संरचनाओं को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आइए इसे एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से विस्तार में समझते है।

GBU-57A/B MOP की विशेषताएं !

इन्हें भी पढ़े

india-us trade deal

टैरिफ वार : भारत पर लगा दिया जुर्माना, इन आंकड़ों से बेनकाब हो गया ट्रंप का हर झूठ

August 1, 2025
india russia

भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार कैसे बना?

August 1, 2025
india-pakistan

भारत की संसद में खुली पोल तो बौखलाया पाकिस्तान, फिर गढ़ दी झूठी कहानी

August 1, 2025
india turkey trade

भारत से पंगा तुर्की को पड़ा महंगा, अब बर्बादी तय

August 1, 2025
Load More

इसका वजन लगभग 13,600 किलोग्राम (30,000 पाउंड)। इसकी लंबाई 20.5 फीट (6.2 मीटर)। इसमें 2,400 किलोग्राम से अधिक उच्च क्षमता वाला विस्फोटक भरा होता है, जो इसे अत्यंत घातक बनाता है।

जिसकी पेनेट्रेशन क्षमता यह बम 61 मीटर (200 फीट) तक कंक्रीट या 38 मीटर तक मध्यम कठोर चट्टानों को भेद सकता है। यह कई चरणों में काम करता है पहले सतह को तोड़ता है, फिर गहराई में प्रवेश कर विस्फोट करता है, जिससे भूमिगत संरचनाएँ पूरी तरह नष्ट हो जाती हैं। GBU-57 GPS और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) से लैस है, जो इसे सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने में सक्षम बनाता है। इसे केवल अमेरिका का B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर ही ले जा सकता है, जो 18,000 किलोग्राम पेलोड के साथ 18,500 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इजरायल के पास F-35 या राफेल जैसे विमान हैं, लेकिन ये GBU-57 के वजन को नहीं उठा सकते।

2004 में इसका विकास शुरू हुआ और 2009 में बोइंग को 20 बम बनाने का ऑर्डर दिया गया। अभी तक इसका युद्ध में उपयोग नहीं हुआ है, लेकिन यह ईरान जैसे गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है।

ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट !

फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट ईरान के कोम शहर के पास पहाड़ों के नीचे 80-90 मीटर (260-300 फीट) गहराई में बना है। यह पांच सुरंगों के बीच स्थित है और मिसाइल हमलों से बचने के लिए अत्यंत मजबूत बनाया गया है। इसका महत्व फोर्डो में उन्नत सेंट्रीफ्यूज मशीनें हैं, जो 60% तक यूरेनियम संवर्धन कर सकती हैं। परमाणु हथियार के लिए 90% शुद्धता आवश्यक होती है, और फोर्डो इस दिशा में महत्वपूर्ण है।

इजरायल की सीमाएँ

इजरायल ने नतांज और इस्फहान जैसे अन्य परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं, लेकिन फोर्डो की गहराई के कारण उसके पास इसे नष्ट करने की क्षमता नहीं है। इजरायल के पास GBU-28 बंकर-बस्टर बम हैं, लेकिन ये केवल 10 मीटर तक कंक्रीट भेद सकते हैं, जो फोर्डो के लिए अपर्याप्त है।

US 'bunker buster' bomb

भारत और पाकिस्तान में चर्चा

भारत में GBU-57 और फोर्डो पर संभावित हमले की चर्चा इजरायल-ईरान युद्ध और अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में हो रही है। ट्रंप और आसिम मुनीर की मुलाकात के बाद, भारत में चिंता है कि अमेरिका पाकिस्तान को रणनीतिक साझेदार बनाकर ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में शामिल कर सकता है।

फॉरेन एक्सपर्ट्स के तौर पर प्रकाश मेहरा का मानना है कि “अगर अमेरिका ईरान पर GBU-57 का उपयोग करता है, तो यह मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ा सकता है, जिसका असर भारत के तेल आयात और क्षेत्रीय सुरक्षा पर पड़ सकता है।”

पाकिस्तान में चर्चा !

पाकिस्तान में इस बम की चर्चा इजरायल-ईरान युद्ध और अमेरिका के साथ बढ़ते सहयोग के संदर्भ में है। जनरल आसिम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात के बाद, पाकिस्तान इसे अपनी कूटनीतिक जीत के रूप में देख रहा है, लेकिन GBU-57 के उपयोग की संभावना ने चिंता भी बढ़ाई है।

कुछ पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना है कि “अगर अमेरिका फोर्डो पर हमला करता है, तो ईरान जवाबी कार्रवाई के लिए पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों या समुद्री मार्गों को निशाना बना सकता है, क्योंकि पाकिस्तान अमेरिका का सहयोगी बन सकता है।”

क्या है अमेरिका की रणनीति !

ट्रंप ने दावा किया है कि “अमेरिका के पास ईरान के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण है, और GBU-57 का उपयोग फोर्डो को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, पूर्व अमेरिकी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मार्क श्वार्ट्ज ने कहा कि फोर्डो को पूरी तरह नष्ट करने के लिए कई GBU-57 बमों की आवश्यकता हो सकती है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने मध्य पूर्व में सैन्य तैनाती बढ़ाई है, जिसमें B-2 बॉम्बर और F-16 जेट्स शामिल हैं, जो GBU-57 के उपयोग की तैयारी का संकेत दे सकते हैं।

ईरान ने क्या दी प्रतिक्रिया

ईरान ने चेतावनी दी है कि “अगर अमेरिका फोर्डो पर हमला करता है, तो वह पश्चिम एशिया में अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी हमले करेगा। ईरान के पास फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं, जो 1,400 किलोमीटर की रेंज और 13-15 मैक की गति के साथ इजरायल या अन्य ठिकानों को निशाना बना सकती हैं।

रूस ने अमेरिका को फोर्डो पर हमले के खिलाफ चेतावनी दी है, यह कहते हुए कि इससे परमाणु रेडिएशन का खतरा बढ़ सकता है और मध्य पूर्व अस्थिर हो सकता है। रूसी विदेश मंत्रालय ने इसे “परमाणु त्रासदी” की ओर कदम बताया है। भारत के लिए, मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव तेल आपूर्ति और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा पर असर डाल सकता है। पाकिस्तान के लिए, अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ने से आर्थिक और सैन्य मदद मिल सकती है, लेकिन ईरान की जवाबी कार्रवाई का खतरा भी है।

परमाणु रेडिएशन और क्षेत्रीय युद्ध का खतरा !

GBU-57A/B मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर अमेरिका का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है, जो ईरान के फोर्डो जैसे गहरे भूमिगत परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। भारत और पाकिस्तान में इसकी चर्चा क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक भू-राजनीति के संदर्भ में हो रही है। भारत में इसे अमेरिका की दोहरी नीति और मध्य पूर्व में अस्थिरता की आशंका के रूप में देखा जा रहा है, जबकि पाकिस्तान इसे अमेरिका के साथ बढ़ते सहयोग के हिस्से के रूप में प्रचारित कर रहा है। हालांकि, इस बम के उपयोग से परमाणु रेडिएशन और क्षेत्रीय युद्ध का खतरा बढ़ सकता है, जिसके वैश्विक परिणाम होंगे।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल

समाज से कब धुलेगा गैरबराबरी का कलंक

January 18, 2023
india-pak

आंतकवाद के खिलाफ सख्त रूख… प्रहार की तैयारी… इंतकाम पाक को पड़ेगा भारी!

May 1, 2025
UP Panchayat

यूपी पंचायत चुनाव 2026 की तैयारी शुरू, क्या आधी आबाद को मिलेगा उनका हक?

May 24, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • टैरिफ वार : भारत पर लगा दिया जुर्माना, इन आंकड़ों से बेनकाब हो गया ट्रंप का हर झूठ
  • प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश, 5 लोग गिरफ्तार
  • पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.