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क्या है अमेरिका में 1 लाख लोगों को मौत की नींद सुलाने वाला फेंटेनल?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
November 19, 2023
in विशेष, विश्व
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murder
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि चीन फेंटेनल को रोकने में मदद करेगा. फेंटेनल ड्रग के कारण अमेरिका में पिछले साल 70 हजार लोगों की मौते हुईं. इसको लेकर हाल में जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चर्चा हुई. दोनों देश इसे रोकने में जुट गए हैं.अमेरिकी हेल्थ एजेंसी CDC के मुताबिक, फेंटेनल की ओवरडोज से रोजाना करीब 150 लोगों की मौत हो रही है. अमेरिका में जुलाई 2021 से जून 2022 के बीच 107,000 मौते हुईं.

ऐसे में सवाल है कि क्या है फेंटेनल, जब हर साल इतनी मौतें हो रही हैं तो यह कैसे लोगों तक पहुंच रहा है और यह चीन के लिए हॉट टॉपिक क्यों बन गया है?

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क्या है फेंटेनल?

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) मुताबिक, एक तरह का सिंथेटिक ओपिओइड है. यह खास तरह का ड्रग होता है. जो हेरोइन से 50 गुना और मॉर्फिन से 100 ज्यादा स्ट्रॉन्ग होता है. इसके ओवरडोज से बेहोशी या मौत हो सकती है.

फेंटेनल दो तरह का होता है. पहला, जो दवाओं में इस्तेमाल होता है. दूसरा, जो गैर-कानूनी तरह से बनाया जाता है. डॉक्टर्स मरीजों को दर्द, सर्जरी के बाद और कैंसर की एडवांस स्टेज में फेंटेनल प्रिस्क्राइब करते हैं. पिछले कुछ सालों में गैर-कानूनी तरह से बनने वाले फेंटेनल के ओवरडोज के मामले बढ़े हैं. इसे गैर-कानूनी तरीके से बनाने का चलन 182 फीसदी तक बढ़ा है.

क्यों बढ़ रहे ओवरडोज और मौत के मामले?

फेंटेनल को कई तरह के ड्रग में मिलाकर लिया जा रहा है ताकि नशा और भी ज्यादा महसूस हो सके. इतना ही नहीं, इसे नशीले ड्रग में मिलाने पर उसकी कीमत कम हो जाती है और ज्यादा नशा होता है. नतीजा, धीरे-धीरे इसकी लत बढ़ती जाती है और इंसान की जान का जोखिम भी बढ़ता है. इसलिए चोरी-छिपे इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है.

इसे लेने पर सीधा असर दिमाग पर पड़ता है. अजीब तरह की खुशी का अहसास होता है. बेहोशी सी आने लगती है. कुछ मामलों में उल्टी आ सकती है, कंफ्यूजन की स्थिति बन सकती है.

यह लिक्विड और पाउडर दोनों तरह से उपलब्ध होता है, जो दूसरे ड्रग की तरह होता है. सिर्फ इसे देखकर पता लगाना मुश्किल होता है कि यह वही ड्रग या कोई दूसरा. आमतौर पर इसे हेरोइन या कोकीन के साथ मिलाया जाता है. कई बार मेथाम्फेटामाइन के साथ मिलाकर इसकी टेबलेट तैयार की जाती है.

अमेरिका में हालात क्यों बिगड़े?

इससे जुड़ी दवाएं अमेरिका में आसानी से उपलब्ध हैं. पिछले कुछ सालों में यह आसानी से और कम लागत में लैब में बनाया जाने लगा है. नतीजा, इसका प्रोडक्शन बढ़ा. इसे अलग-अलग नामों से बाजारों में बेचा जाने लगा. जैसे- हीमैन, पॉइजन, डांस फीवर, चाइना वाइट, चाइना गर्ल, टैंगो, कैश, ग्रैट बियर जैसे कोड नेम से उपलब्ध हो गया है.

मौतें अमेरिका में हुईं तो चीन का नाम कैसे आया?

ऐसे में सवाल है कि फेंटेनल से मौतें तो अमेरिका में बढ़ रही हैं फिर चीन का नाम कैसे आया और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसे रोकने के लिए क्यों बयान दिया. दरअसल, चीन लम्बे समय से फेंटेनल का सप्लायर रहा है. जहां से यह गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचता है. कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है.

रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अमेरिका ने 38 लोगों पर इस मामले में कार्रवाई की थी, जिसमें चीन के नेटवर्क का नाम सामने आया था. अब चीन ने इसका निर्यात रोकने की बात कही है.

कब और क्यों दी थी FDA ने अनुमति?

अमेरिका के फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के मुताबिक, 1998 में इसे दर्द की दवा के तौर पर अनुमति दी गई थी. जिसे फार्मा कंपनियां ने कैंसर के मरीजों के दर्द दूर करने के लिए तैयार किया था. इसे इंजेक्शन, टेबलेट या स्किन पैच के जरिए मरीजों को दिया जाता था.

CDC के मुताबिक, बिना डॉक्टरी सलाह के इसे लेना खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इसका असर 5 मिनट में दिख सकता है.

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