नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (MCD) के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। नए चुने गए पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही सदन हंगामे की भेंट चढ़ गया। आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों के बीच झड़प देखने को मिली। ये झड़प चुने हुए पार्षदों और मनोनीत पार्षदों में पहले कौन शपथ लेगा इस बात को लेकर शुरू हुई थी। दरअसल पीठासीन अधिकारी ने मनोनीत पार्षदों को शपथ ग्रहण के लिए पहले बुला लिया था। इस बात पर आपत्ति जताते हुए ‘आप’ पार्षद हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए थे। इस झड़प के बाद एक शब्द बार-बार सुनने को मिल रहा है। वो शब्द है ‘एल्डरमेन’ आइये जानते हैं कौन होते हैं एल्डरमेन?
कौन होते हैं एल्डरमेन?
Merriam-webster dictionary के अनुसार, एल्डरमेन शब्द की उत्पत्ति इंग्लिश के एल्डरमैन शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञ व्यक्ति। 1957 के दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, उपराज्यपाल (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के) निगम के लिए 25 वर्ष से अधिक आयु के दस व्यक्तियों को नामित कर सकते हैं। यह उम्मीद की जाती है कि इन व्यक्तियों के पास नगरपालिका प्रशासन में विशेष विशेषज्ञता या अनुभव है। हालांकि एल्डरमे महापौर चुनाव में वोटिंग नहीं कर सकते हैं। वार्ड समिति के सदस्यों के रूप में उनके पास एक स्थायी समिति में काम करने के लिए 12 एमसीडी क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक प्रतिनिधि चुनने के लिए मतपत्र डालने की शक्ति है।
आप और भाजपा के बीच विवाद का सबसे हालिया बिंदु एमसीडी के एल्डरमेन के लिए एल-जी द्वारा किए गए नामांकन के विकल्प पर है। उपराज्यपाल कार्यालय ने सबसे पहले दस प्रत्याशियों के नाम की अधिसूचना जारी की। हालांकि, बाद में एक संशोधित सूची जारी की गई, जिसमें दो नाम हटा दिए गए क्योंकि वे इस पद के लिए अयोग्य थे। एलजी विनय कुमार सक्सेना की ओर से नियुक्त मनोनीत पार्षदों में विनोद कुमार, लक्ष्मण आर्य, मुकेश मान, महेश सिंह तोमर, राजकुमार भाटिया, मोहन गोयल, संजय त्यागी, राजपाल राणा, कमल जीत सिंह और रोहताश कुमार शामिल हैं।
AAP ने बेईमानी का रोना रोया
4 दिसंबर के चुनावों में जीत के कारण 134 सदस्यों वाली आप ने एलजी के नामांकन पर आपत्ति जताई। ‘आप’ ने आरोप लगाया कि सक्सेना ने उन भाजपा नेताओं को ‘एल्डरमेन’ नियुक्त किया है, जिन्हें नागरिक मुद्दों में विशेषज्ञता हासिल नहीं है। कालकाजी से पार्टी की विधायक आतिशी ने दावा किया कि एलजी द्वारा चुने गए सभी एल्डरमैन बीजेपी के सदस्य हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अतीत के विपरीत जब दिल्ली सरकार द्वारा एलजी को एल्डरमेन के लिए उम्मीदवारों की एक सूची प्रदान की गई थी।
एलजी कार्यालय का जवाब?
हालांकि, एलजी कार्यालय ने आप के आरोपों का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया कि उपराज्यपाल राज्य सरकार के सुझाव या मामले पर परामर्श के लिए बाध्य नहीं थे। एलजी कार्यालय के एक प्रतिनिधि के अनुसार, डीएमसी अधिनियम लेफ्टिनेंट गवर्नर को एल्डरमैन को नामित करने का अधिकार देता है। अधिकारी ने कहा कि 2022 संशोधन के अनुसार डीएमसी अधिनियम में सरकार शब्द को केंद्र सरकार में बदल दिया गया है।
क्या है बीजेपी का स्टैंड?
इस बीच, बीजेपी ने आप पर ‘संवैधानिक प्रावधानों का अनादर’ करने का आरोप लगाया। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, ‘यह अजीब है कि आतिशी कह रही हैं कि एलजी ने 10 एल्डरमेन की नियुक्ति में कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया है। कपूर ने कहा, ‘आप को पीड़ित कार्ड खेलना बंद करना चाहिए।’
दिल्ली एमसीडी रिजल्ट 2022
साल 2022 में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इसी के साथ 15 साल से एमसीडी की सत्ता में रही बीजेपी बाहर हो गई थी। जबकि कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। इस चुनाव में आप को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस के 9 पार्षद चुनाव जीते थे। गौरतलब है कि दिल्ली मेयर चुनाव के लिए आप ने शैली ओबरॉय और आशु ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा तो बीजेपी ने रेखा गुप्ता को उतारा है। एमसीडी रिजल्ट आने के बाद बीजेपी नेता आदेश गुप्ता ने कहा था कि वो विपक्ष की भूमिका निभाएंगे यानी मेयर के पद के लिए दावेदारी नहीं करेंगे। इसके बाद पार्टी ने रेखा गुप्ता को खड़ा कर दिया।