नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी हार के कारणों पर मंथन कर रही है. इस बीच हरियाणा बीजेपी के प्रभारी सतीश पूनिया ने दावा किया है कि कांग्रेस ने किसान, पहलवान, जवान और संविधान की कहानी गढ़ी लेकिन ये विफल रहा.
उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान चुनौतियों पर कहा, ”हम किसी भ्रम में नहीं थे. हम जानते थे कि हरियाणा में जीतना मुश्किल है. हमने कार्यकर्ताओं को संगठित किया, लोकसभा चुनावों में की गई गलतियों से सीखा. उन्होंने (कांग्रेस कैडर) जमीन पर काम नहीं किया.”
सतीश पूनिया ने कहा, ”हमने सही उम्मीदवार के चयन, पार्टी प्रबंधन और एक अच्छे कैंपेन पर ध्यान केंद्रित किया. कांग्रेस विभाजित थी और यह स्पष्ट नहीं था कि मुख्यमंत्री कौन होगा? नायब सिंह सैनी हमारे चेहरा थे.” लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 में से पांच सीटें मिली थी.
सोनीपत में भी बीजेपी को मिली सीटें
ऐसी कोई सीट थी जो आपकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी? इस सवाल पर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पूनिया ने कहा कि हां, ऐसी कई सीटें थीं. हमें लगा कि सोनीपत जिले में किसी भी सीट पर हम नहीं जीत पाएंगे, कोई मौका नहीं है क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा वहां प्रभावशाली हैं. इसके बावजूद, हमने उस क्षेत्र में चार सीटें जीतीं, जहां जाटों का दबदबा है.
किसानों की नाराजगी पर क्या बोले सतीश पूनिया?
उन्होंने हरियाणा में किसानों की नाराजगी पर कहा कि नतीजे बताते हैं कि किसान आंदोलन की पटकथा पहले से ही लिखी हुई थी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस ने कुछ लोगों को प्रायोजित किया था. किसान आंदोलन का असर लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिला, लेकिन मतदाताओं को विधानसभा चुनाव में अपने फैसले का मूल्यांकन करने का मौका मिला.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हैट्रिक लगाते हुए 48 सीटों पर जीत हासिल की है. पहली बार है जब बीजेपी ने इतनी सीटें जीती है. वहीं कांग्रेस ने 37, आईएनएडी ने दो और अन्य ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है.