नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाला है. कुल 243 सीटों पर चुनाव होने हैं. एनडीए (NDA) हो या इंडिया गठबंधन (India Alliance) से जुड़ी पार्टियां, सभी अपनी-अपनी जीत के लिए रणनीति बना रही हैं. हालांकि अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. सियासी पारा चरम पर है. आज हम आपको बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के बारे में बता रहे हैं कि आखिर क्यों वह विधानसभा चुनाव लड़ने से कतराते हैं? वह हर बार कैसे पिछले दरवाजे से सीएम बनते आ रहे हैं?
आपको मालूम हो कि नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के सीएम बने हैं. वह करीब 20 सालों से इस पद पर हैं. नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. नीतीश कुमार कभी भी विधानसभा चुनाव लड़कर सीएम नहीं बने हैं, बल्कि वह हमेशा विधान परिषद के जरिए ‘पिछले दरवाजे’ से विधानसभा में प्रवेश पाकर बिहार के मुख्यमंत्री बनते आ रहे हैं. आपको मालूम हो कि ऐसा सिर्फ नीतीश कुमार ही नहीं करते बल्कि बिहार के कई दिग्गज नेता भी इसी आसान पीछे के रास्ते को अपनाते हैं क्योंकि जनता की अदालत में जीतना आसान नहीं होता है.
नीतीश कुमार ने पहली बार इस साल लड़ा था विधानसभा चुनाव
नीतीश कुमार आज तक सिर्फ 3 बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं. इसमें उन्हें 1 बार जीत और 2 बार हार मिली है. नीतीश कुमार ने साल 1977 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार मिली थी. इसके बाद फिर हरनौत सीट से ही साल 1980 में चुनाव लड़ा था. इसमें भी नीतीश कुमार को हार का सामना करना पड़ा था. विधानसभा चुनाव 1985 में पहली बार नीतीश कुमार को जीत मिली थी. यह जीत उन्हें हरनौत विधानसभा सीट से लोक दल के प्रत्याशी के रूप में मिली थी. इसके बाद नीतीश कुमार कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं.
विपक्षी दलों के नेता लगाते हैं आरोप
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के संस्थापक नीतीश कुमार के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के कारण विपक्ष दलों के नेता उन पर हमेशा आरोप लगाते हैं कि वे चुनाव लड़ने से डरते हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने भले ही 1985 के बाद विधानसभा चुनाव न लड़ा हो लेकिन वह लोकसभा चुनाव लड़ते रहे हैं. नीतीश कुमार छह लोकसभा चुनाव में उतरे हैं और सभी में जीत दर्ज किए हैं.
नीतीश कुमार 1989 में बाढ़ लोकसभा सीट से पहली बार जीत दर्ज कर सांसद बने थे. इसके बाद इसी सीट से साल 1991, 1996, 1998 और 1999 में भी विजय हासिल की थी. नीतीश कुमार ने साल 2004 में दो लोकसभा सीट बाढ़ और नालंदा से चुनाव लड़ा था. इसमें वह बाढ़ से चुनाव हार गए थे जबकि नालंदा में उन्हें जीत मिली थी. साल 2004 के बाद नीतीश कुमार ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है. वह वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. उनकी सदस्यता 2030 तक है.
क्या नीतीश कुमार इस बार लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
अब सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. पहले के इतिहास को देखते हुए कह सकते हैं कि नहीं. नीतीश कुमार भले ही अपनी पार्टी जदयू के लिए उम्मीदवारों का चयन करते हैं, उन्हें टिकट देते हैं और नीतीश कुमार के नाम पर अधिकतर उम्मीदवार चुनाव में विजयी भी होते हैं लेकिन स्वयं नीतीश कुमार चुनाव लड़ने से कतराते हैं. हो सकता है विधानसभा चुनाव हारने का डर नीतीश कुमार को जो शुरुआत में रहा हो, वह डर आज भी उनके मन में हो. ऐसे में वह सुरक्षित रास्ता चुनते हैं. चुनाव लड़ने की जगह विधान परिषद के जरिए बिहार की सत्ता पर काबिज होते हैं.
फिर आगे बढ़ते गए नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार को लोग सुशासन बाबू कहते हैं. बिहार की राजनीति में चाणक्य नाम से मशहूर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंझे हुए राजनेता हैं. विचारों से समाजवादी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी सुलझे हुए नेता माने जाते हैं. नीतीश कुमार ने राजनीति के गुण जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जॉर्ज फर्नाडीज से सीखे हैं. जेपी के आंदोलन दौरान नीतीश कुमार राजनीति के क्षेत्र में उतरे और फिर आगे बढ़ते गए.
नीतीश कुमार बिहार के सीएम साल 2000 में सिर्फ सात दिनों के लिए बने थे. इसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. फिर नीतीश कुमार नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम बने. इसके बाद 2010 में तीसरी बार, इसके बाद 2015 में चौथी बार सीएम बने थे. विधानसभा चुनाव 2015 के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन सरकार में पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि जुलाई 2017 में नीतीश कुमार सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और फिर बीजेपी के समर्थन से अगले ही दिन छठवीं बार सीएम बन गए थे. नीतीश कुमार साल 2020 में सातवीं बार सीएम बने. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर इस्तीफा दिया और फिर RJD के साथ गठबंधन करके 8वीं बार सीएम बने. जनवरी 2024 में फिर नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी के समर्थन से 9वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं.