Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home Uncategorized

INDIA गठबंधन के लिए मोदी से बड़ी चुनौती क्यों है सीट शेयरिंग!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
September 2, 2023
in Uncategorized
A A
NDA and opposition
23
SHARES
765
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली : इंडिया गठबंधन की मुंबई में हो रही तीसरी बैठक का दूसरा दिन. दोपहर का समय… मंच सजा हुआ है… करीब 28 दलों के नेता मौजूद हैं. आगे की चुनौतियों पर बातचीत हो रही है, फोटो सेशन भी चल रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी के एमपी और देश के मशहूर वकील कपिल सिब्बल दिख जाते हैं.

बस क्या था कांग्रेसियों को इस बात से नाराजगी हो जाती है कि बिन बुलाए मेहमान क्यों आ गए.ये घटना इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर चिंता करने के लिए काफी हैं. सवाल यह है कि मात्र कपिल सिब्बल के आने भर से नाराज होने वाले  वाले सीट शेयरिंग, पार्टियों की अलग-अलग विचारधारा, अलग-अलग तेवर वाले नेताओं को कैसे साध सकेंगे? 3 बैठकों में संयोजक भी तय नहीं करने वाले नेता कैसे सुलझाएंगे अपनी पहाड़ जैसी समस्याएं?

इन्हें भी पढ़े

CM Dhami - Minister JP Nadda

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को सीएम धामी ने पहाड़ की समस्याओं से कराया अगवत

July 16, 2025
charger

क्या चार्जर ऑन रहने से बिजली होती है बर्बाद ?, जानिए सच

June 22, 2025
27 वर्षीय राधिका लोखंडे

सेक्स की जिद कर रहा था पति, पत्नी ने ले ली जान…15 दिन पहले हुई थी शादी !

June 12, 2025
rahul gandhi

‘एक बारात का, दूसरा रेस का तो तीसरा लंगड़ा घोडा’, राहुल का कार्यकर्ताओं पर सियासत-ए-घोडा!

June 4, 2025
Load More

दरअसल कपिल सिब्बल कभी कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं.आज भी उन्हें  एक कांग्रेसी के तौर पर ही पूरे देश में उनकी पहचान है. सिब्बल ने कभी कांग्रेस में रहते हुए असंतुष्टों का ग्रुप 23 जॉइन कर लिया था.यही उनके लिए काल बन गया. बाद में पार्टी में उन्हें भाव नहीं मिला और वे राज्यसभा में जाने के लिए समाजवादी पार्टी ज्वाइन करना पड़ा. यही कारण था कांग्रेस के लिए वो इंडिया गठबंधन के मंच पर अछूत बन गए थे. जब कि यह सभी जानते हैं कि कपिल सिब्बल वो शख्स हैं जो अंतर्आत्मा से कांग्रेसी हैं. कपिल सिब्बल ने कभी खुले मंच पर कांग्रेस के विरोध में नहीं बोला . इसके साथ देश भर बीजेपी के सबसे बड़े विरोधियों में से एक रूप में उन्हें जाना जाता है. कहने का मतलब है कि जब कांग्रेसियों को कपिल सिब्बल से इतनी दिक्कत हो सकती है तो अलग विचार वाले दलों के साथ वो कैसे निभाएंगे.जबकि यह तय है कि कांग्रेस ही इंडिया की धुरी बनने वाली है,इसलिए उसे बड़ा दिल दिखाना होगा.

इंडिया गठबंधन के आगे सबसे बड़ी समस्या बीजेपी के कैंडिडेट के आगे वन टू वन कैंडिडेट खड़ी करने में आने वाली है.जिसके लिए अभी गठबंधन की ओर से कोई इशारा नहीं किया गया है. कुछ नेताओं की ओर से पूर्वी उत्तर प्रदेश के घोसी उपचुनाव की नजीर दी जा रही है कि कैसे वहां बीजेपी के खिलाफ वन टू वन प्रत्याशी यहां खड़ा किया गया है.कांग्रेस ने घोसी में अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया है और समाजवादी पार्टी को फुल सपोर्ट किया है.दरअसल घोसी कभी कांग्रेस की सीट रही नहीं इसलिए उसका प्रत्याशी खड़ा करना या न करना कोई मायने नहीं रखता है.किसी ऐसी सीट से जो कांग्रेस की परंपरागत सीट रही हो वहां दी हुई कुर्बानी ही असल में कुर्बानी है. बीएसपी ही यहां कुछ कर सकती थी पर पार्टी शुरू से ही उपचुनाव नहीं लड़ती रही है.इसलिए बीएसपी का कोई प्रत्याशी यहां से नहीं है.यूपी में पिछले कई चुनावों से वाम पार्टियां अपना चुनावी अस्तित्व खत्म कर चुकी हैं इसलिए उनके भी चुनाव लड़ने या न लड़ने का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है.इसलिए यहां तो बात बन गई पर दूसरी जगहों पर क्या होगा.

अटकलें हैं कि 2019 में जो पार्टी जो सीटें जीती थी, वो सीटें उसे दी ही जाएं. साथ ही जिन सीटों पर जिस पार्टी के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे, वो सीटें भी उसी पार्टी को दी जाएं.इस तरह रनरअप फॉर्मूले से कांग्रेस पार्टी को 261 सीटें देनी मजबूरी होंगी. जबकि ममता बनर्जी  कहती रहीं हैं कि कांग्रेस 200 सीटों पर लड़े, जाहिर है कि ममता बनर्जी को ये पसंद नहीं आएगा.दूसरी ओर इस फार्मूले को अप्लाई करने पर पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को केवल एक सीट मिल पाएगी और वाम दलों को तो वह भी नहीं. आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है पर उसे केवल तीन ही सीट मिल पाएंगी.इंडिया गठबंधन के अधिवेशनों में माहौल तो खूब बन रहा है पर मुद्दों पर ठोस काम का अभाव दिख रहा है.

भिन्न- भिन्न विचारों वाली पार्टियों के बीच गंभीर मुद्दों पर आम सहमति कैसे बनेगी? यूसीसी और महिला आरक्षण और मंदिर के मुद्दे पर आपस में सर फुटोव्वल की नौवत आने की हमेशा आशंका बनी रहेगी. दरअसल यूसीसी पर आम आदमी पार्टी का हमेशा से सपोर्ट रहा है. इसी तरह शिवसेना का मंदिर आंदोलन से गहरा नाता रहा है. बाबरी मस्जिद गिराने का श्रेय शिवसेना लेती रही है.महिला आरक्षण का खुलकर तो नहीं पर अंदर ही अंदर विरोध करने वाले दल भी गठबंधन में हैं.आने वाले दिनों में बीजेपी ऐसी चालें चलेंगी कि इन दलों को इन मुद्दों पर अपना स्टैंड सार्वजनिक करना पड़ेगा.

किसी खास चुनाव में मिले वोटों को आधार बनाकर सीटों की शेयरिंग कई राज्यों में बहुत मुश्किलें पैदा करेगी. खासकर उन स्टेट में जहां पिछले 2 चुनावों से कोई नई पार्टी उभर रही है.2022 के विधानसभा चुनावों में गुजरात में कांग्रेस को 27.28 फीसदी वोट मिले थे जबकि बीजेपी को 52.50 फीसदी वोट मिले.पांच सीटें आम आदमी पार्टी ने जीतकर करीब 15 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रही थी.जाहिर है कि आम आदमी पार्टी कभी नहीं चाहेगी कि गुजरात में सीट शेयरिंग का फार्मूला 2019 के चुनावों को बनाया जाए. आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 2019 के मुकाबले 2022 में तेजी से बढ़ रहा है. इसका मतलब तो यही है कि 2024 में भी उसे ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद होगी.ऐसी दशा में कोई भी पार्टी क्यों सीटों से समझौता करेगी? ऐसा ही पेच कई राज्यों में दिखने वाला है.कम से कम पश्चिम बंगाल,गुजरात और महाराष्ट्र और पंजाब में तो बहुत मुश्किल होगी.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल

भूटान पर चीन की नजर

December 28, 2022
REC Limited signs MoU with Madhya Pradesh Government

आरईसी लिमिटेड ने MP सरकार के साथ किए एमओयू पर हस्ताक्षर

March 4, 2025

नेपाल का रण-क्षेत्र

June 30, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • आखिर 2 साल तक गुजरात से बाहर कहां गायब थे अमित शाह, खुद कर दिया खुलासा
  • दुर्लभ शुभ और शुक्ल योग में मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी!
  • SSC छात्रों का दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन, भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग, 44 हिरासत में !

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.