प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी, जो भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह मिशन नासा, स्पेसएक्स और निजी एयरोस्पेस कंपनी एक्सिओम स्पेस की साझेदारी का हिस्सा है। शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं और वह ISS का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। साथ ही, 1984 में राकेश शर्मा के बाद वह अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
शुभांशु के मिशन की उड़ान
मिशन की उड़ान 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे (2:31 बजे EDT) फ्लोरिडा के नासा केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से हुई। स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट और नया ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट (C213) इस मिशन के लिए उपयोग किया गया। 28 घंटे की यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान 26 जून को शाम 4:30 बजे (IST) ISS से डॉक हुआ। शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री ISS पर 14 दिन बिताएंगे, जहां वे 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें 7 भारतीय माइक्रोग्रैविटी प्रयोग शामिल हैं।
मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं- पैगी व्हिटसन (अमेरिका, मिशन कमांडर, पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री), शुभांशु शुक्ला (भारत, पायलट), स्लावोश उज्ज्रन्स्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड, यूरोपियन स्पेस एजेंसी), टिबोर कपु (हंगरी, मिशन विशेषज्ञ)
शुभांशु शुक्ला का योगदान !
शुभांशु इस मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को ISS से डॉक करने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। वह सात भारतीय वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें शामिल हैं टार्डिग्रेड्स (सूक्ष्म जीव) पर शोध, जो अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं को समझने में मदद करेगा। छह फसल बीजों का अध्ययन, ताकि अंतरिक्ष में फसलों की खेती की संभावनाओं का पता लगाया जा सके। माइक्रोग्रैविटी में जैविक नमूनों (जैसे माइक्रोएल्गी, बीज) पर प्रयोग। वह स्पेस टू अर्थ आउटरीच कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिसमें अंतरिक्ष से एक VIP के साथ बातचीत शामिल है।
यह मिशन भारत के गगनयान मिशन (2027 में प्रस्तावित स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान) की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण है। भारत, पोलैंड, और हंगरी के लिए यह 40 वर्षों में पहली सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान है। भारत ने इस मिशन के लिए एक सीट खरीदी, जिसकी लागत लगभग 550 करोड़ रुपये बताई गई है। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निजी अंतरिक्ष यात्रा को बढ़ावा देने में एक कदम है।
क्या हैं चुनौतियां और देरी !
मिशन को पहले सात बार टाला गया था, जिसमें खराब मौसम, फाल्कन-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) रिसाव, और ISS के ज्वेज्दा मॉड्यूल में दबाव जैसी समस्याएं शामिल थीं। जैविक नमूनों (बीज, माइक्रोएल्गी, टार्डिग्रेड्स) के खराब होने का खतरा भी चिंता का विषय था, लेकिन नासा और इसरो ने इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की।
लॉन्च से पहले शुभांशु ने कहा, “यह मेरी नहीं, 140 करोड़ भारतीयों की अंतरिक्ष यात्रा है।” उन्होंने राकेश शर्मा को अपना आदर्श बताया और देशवासियों से इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने की अपील की।
A historic moment! 🇮🇳
📷 Wishing Group Captain #ShubhanshuShukla great success on his mission to the International Space Station
📷#AxiomMission4 #SpaceX pic.twitter.com/L9k6AUP7KI
— Prakash Mehra (@mehraprakash23) June 25, 2025
अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद उन्होंने कहा, “व्हाट ए राइड। मेरे कंधे पर लगा तिरंगा बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं।”
Axiom-4 मिशन के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से भेजा अपना पहला संदेश!
"नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफ़र है! हम 41 साल बाद वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं, यह एक अद्भुत सफ़र है, हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं,… pic.twitter.com/bGeMs3Pagk
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) June 25, 2025
उनके माता-पिता, आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला, लखनऊ में इस उपलब्धि पर भावुक होकर खुशी जता रहे हैं। पूरे भारत में इस सफल लॉन्च को लेकर उत्साह और जश्न का माहौल है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती ताकत और वैश्विक सहयोग का प्रतीक है।
Nothing like a liftoff 🚀@Axiom_Space's #Ax4 mission, riding atop a @SpaceX Falcon 9 rocket, launched from @NASAKennedy at 2:31am ET (0631 UTC). pic.twitter.com/RuvVZ9shT6
— NASA (@NASA) June 25, 2025
लाइव देखने की जानकारी
लॉन्च को नासा, स्पेसएक्स और इसरो के आधिकारिक चैनलों पर लाइव स्ट्रीम किया गया। मिशन की प्रगति और अपडेट्स के लिए www.spacex.com पर नजर रखी जा सकती है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशनों को मजबूती देगा।