नई दिल्ली : पिछले लंबे समय से केंद्र सरकार चीन आधारित वेबसाइटों और ऐप्स पर प्रतिबंध लगाती आ रही है। हालांकि प्रतिबंध लगाने की ये प्रक्रिया लंबी होने के चलते इसमें वक्त लगता है। इस बीच चीन स्थित जालसाज भारतीयों को फंसाने का नया तरीके ढूंढ ले रहे हैं। पता चला है कि चीनी साइबर ठग बड़े पैमाने पर .in एक्सटेंशन वाली वेबसाइटें खरीद और लॉन्च कर रहे हैं। इन वेबसाइटों के जरिए ये लोग अश्लील और भद्दा कंटेंट परोसने के साथ भारतीयों का डेटा चुरा रहे हैं और उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मई में एक नियमित विश्लेषण के दौरान, नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट ने पाया था कि केवल चार दिनों में संदिग्ध चीनी ठगों द्वारा 2,000 से अधिक डोमेन खरीदे गए। इन डोमेन का इस्तेमाल अश्लील कंटेंट, सट्टेबाजी और धोखाधड़ी वाले ऐप (आईओएस और एंड्रॉइड) को होस्ट करने के लिए किया गया।
.in वाली बेवसाइटें बना रहे फ्रॉडिए
एक आधिकारिक सूचना के अनुसार, साइबर अपराधी बड़े पैमाने पर भारतीय (.in) नाम वाले डोमेन खरीदकर पीड़ितों की जानकारी और साख प्राप्त करने के लिए स्मार्ट और इनोवेटिव तरीके ढूंढ रहे हैं। इसमें कहा गया है, “धमकी देने वाले ठगों ने वित्तीय धोखाधड़ी और पहचान की चोरी करने के लिए इन फिशिंग डोमेन (वेबसाइटों) को इस तरह से डिजाइन किया है जिससे आम नागरिक इनके जाल में फंस जाता है और फिर ये लोग उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं।”
इसमें आगे कहा गया है कि वेबसाइटें मंदारिन (चीनी भाषा) में कंटेंट होस्ट कर रही हैं और ऑपरेटिंग सिस्टम/प्लेटफॉर्म के हिसाब से अलग-अलग भाषा का कंटेंट दिखाती हैं। कहा गया है, “एंड्रॉइड डिवाइस से खोलते समय वेबसाइट संदिग्ध .APK फाइल और iPhone के लिए प्रोफाइल कॉन्फिगरेशन फाइल (.मोबाइल वर्जन) डाउनलोड करने का संकेत देती है।”
2,000 डोमेन और ऐप्स की पहचान की गई
एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, पहले भी चीनी ठगों द्वारा खरीदे गए कम से कम 2,000 ऐसे डोमेन और ऐप्स की पहचान की गई थी और संदिग्ध गतिविधियों के कारण वे रडार पर हैं। साइट को इस तरह से बनाया गया है ताकि यह भारतीयों पर हमला करने और उनका डेटा एकत्र करने के लिए मैलवेयर को फिट कर सके।
विश्लेषण से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अश्लील कंटेंट का मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है और सभी साइटों पर ऐसे लिंक हैं जिन पर अगर कोई व्यक्ति क्लिक करता है, तो यह अपने आप से डेटा कलेक्ट करने लगती हैं। ऐप्स की तथाकथित हाई रेटिंग लोगों को मूर्ख बनाती है, जो आसानी से फंस जाते हैं। चूंकि एजेंसियां ऐसे ऐप्स और साइटों पर प्रतिबंध लगा रही हैं, इसलिए ये चीनी ठग साइबर धोखाधड़ी करने के अपने व्यवसाय को जारी रखने के लिए अधिक से अधिक साइटें खरीद रहे हैं।”