नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर दुकानों और कॉमर्शियल प्रतिष्ठानों में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है। हालांकि इसके लिए शर्तें भी लगाई गई हैं। संस्थानों को महिलाओं की नाइट शिफ्ट लगाने के लिए उसने इसकी लिखित सहमति लेनी होगी। बता दें कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने साल की शुरुआत में महिलाओं की नाइट शिफ्ट संबंधी दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
रेखा सरकार का नोटिफिकेशन
दिल्ली सरकार के श्रम विभाग की ओर से हाल ही में जारी नोटिफिकेशन में दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954 के तहत महिलाओं को रोजगार देने और उनके रोजगार की शर्तों से संबंधित 2 प्रविष्टियां जोड़ी गईं।
क्या शर्तें?
- नोटिफिकेशन में कहा गया है कि महिलाओं की नाइट शिफ्ट लगाने के लिए उनकी लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा।
- संस्थानों को महिलाओं की नाइट शिफ्ट लगाने के लिए आंतरिक शिकायत समितियां (आईसीसी) भी गठित करनी होंगी।
- किसी भी कर्मचारी को किसी भी दिन नौ घंटे (भोजन और आराम के समय सहित) से अधिक और हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- नियोक्ता को नाइट शिफ्ट वाली महिला कर्मियों की सुरक्षा और परिवहन की व्यवस्था करनी होगी।
- प्रावधान किया गया कि किसी भी कर्मचारी को एक दिन में पांच घंटे से अधिक ओवरटाइम करने की अनुमति नहीं होगी।
- यदि शिफ्ट के आधार पर ड्यूटी लगाई जा रही है तो व्यवस्था ऐसी होगी कि किसी भी कर्मचारी को केवल नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर न किया जाए।
- नियोक्ताओं को कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। फुटेज को कम से कम एक महीने तक सुरक्षित रखना होगा। मुख्य निरीक्षक की मांग पर उसे प्रस्तुत करना होगा।
- राष्ट्रीय अवकाशों पर काम के बदले कॉम्प ऑफ, वीकली ऑफ, न्यूनतम मजदूरी, भविष्य निधि, बीमा और बोनस जैसे कानूनी लाभ भी देने होंगे।
डबल वेतन, 48 घंटे ही ड्यूटी
दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के अनुसार, हर महिला कर्मचारी ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन और अधिकतम 48 घंटे प्रति सप्ताह ड्यूटी के लिए अधिकृत होगी। महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले नियोक्ता को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत आईसीसी का गठन करना होगा।