प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली : दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर पहुंच गया है, जिसके चलते राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। यह स्थिति हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के साथ-साथ हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज और वजीराबाद बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण उत्पन्न हुई है। ताजा अपडेट्स:जलस्तर की स्थिति:27 अगस्त 2025 को सुबह यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे ब्रिज (ओल्ड रेलवे ब्रिज) पर 204.61 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर (204.50 मीटर) से ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने अनुमान लगाया है कि जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है।
मंगलवार देर रात 9 बजे जलस्तर 204.56 मीटर था, जो बुधवार सुबह तक बढ़कर 204.61 मीटर हो गया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचने की संभावना थी, लेकिन स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई जा रही है।
बाढ़ का खतरा
यमुना के बढ़ते जलस्तर से दिल्ली के निचले इलाकों, जैसे यमुना खादर, कश्मीरी गेट, मजनू का टीला, गीता कॉलोनी, यमुना बाजार, और कालिंदीकुंज में जलभराव का खतरा बढ़ गया है। कालिंदी कुंज घाट पर तेज बहाव के कारण मेट्रो पिलर का चबूतरा पानी में डूब गया, और ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। पिछले वर्ष (2023) में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे सिविल लाइंस, आईटीओ, और मयूर विहार जैसे इलाके जलमग्न हो गए थे, और 28,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे।
प्रशासन की कार्रवाई
दिल्ली सरकार और प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना घाट, यमुना छठ घाट, और अन्य बाढ़ संभावित इलाकों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू करने की योजना है। इसके लिए 34 नावें, लाउडस्पीकर, और माइक्रोफोन तैनात किए गए हैं।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नदी के प्रवाह में अवरोधों को हटाने के लिए पहले से ही पायलट कट लगाए थे, जिससे पानी का बहाव आसान हुआ है। लोगों को यमुना नदी के पास जाने या तैरने से मना किया गया है।
जलस्तर बढ़ने का कारण
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है। हथिनीकुंड बैराज से हाल ही में 1,00,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जिसमें अधिकतम 1,79,000 क्यूसेक था। मौसम विभाग (IMD) ने अगले 24-48 घंटों में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है।
कौन-कौन से हैं प्रभावित क्षेत्र ?
यमुना खादर, कश्मीरी गेट, मजनू का टीला, गीता कॉलोनी, यमुना बाजार, और कालिंदीकुंज जैसे निचले इलाके सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। 2023 में बाढ़ के दौरान इन इलाकों में जलजमाव के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था, और इस बार भी ऐसी स्थिति की आशंका है।
2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचा था, जो 45 साल का रिकॉर्ड था। 2022 और 2024 में भी यमुना ने खतरे के निशान को कई बार पार किया था, जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा था।
सरकार और प्रशासन की सलाह
निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए आपातकालीन योजनाएं सक्रिय कर दी हैं, और संबंधित विभाग पूरी तरह अलर्ट पर हैं। लोगों से नदी के पास न जाने और बच्चों को नदी में तैरने से रोकने की अपील की गई है।
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। निवासियों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।