हरिद्वार। श्री हरेराम आश्रम में आयोजित स्वर्ण जयंती महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने नारियल फोड़कर यज्ञशाला का उद्घाटन किया और यज्ञ अनुष्ठान में सम्मिलित होकर विश्व कल्याण की साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस पर आश्रम परिसर में रुद्राक्ष के पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर मदन कौशिक ने कहा कि संत महापुरुषों का सानिध्य सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। धर्म नगरी हरिद्वार में आने वाले सभी श्रद्धालु भक्त बड़े ही कृपा पात्र हैं। जो उन्हें पतित पावनी मां गंगा और संतों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों से देश में नई ऊर्जा का संचार होता है और यज्ञ से निकलने वाला धुआं जहां जहां आवरण बनाता है। वहां का संपूर्ण वातावरण शुद्ध हो जाता है। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए यज्ञ का आयोजन किया जाता है।
सनातन धर्म में यज्ञ का विशेष महत्व है। किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले यज्ञ अनुष्ठान होना आवश्यक है। हम सभी को अपने आसपास के पर्यावरण को शुद्ध रखना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर उनका संरक्षण संवर्धन करना चाहिए। हरेराम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि पर्यावरण के शुद्धिकरण के लिए यज्ञ से अतिरिक्त कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं है। पेड़ पौधे हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और वातावरण को संतुलित करने में सहायक होते हैं। अपने जीवन काल में प्रत्येक व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। ताकि पर्यावरण की शुद्धि के साथ-साथ समाज में भी इसका सकारात्मक संदेश प्रसारित हो और हमारी युवा पीढ़ी अपने पर्यावरण के प्रति सजग रहें। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि पर्यावरण को संतुलित बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ संत समाज अपने सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज को जागृत करता आया है। पेड़ पौधे मानव जीवन के लिए संजीवनी औषधि के समान है। इसलिए सभी को पौधारोपण अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर डा.जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, प्रो.प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलाम्बर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पाण्डेय, हरीश कुमार, डा.अश्वनी चौहान, मयंक गुप्ता, स्वामी केशव मुनि, स्वामी उमेश मुनि, श्रीमहंत अद्वैत दास, महंत रामसागर मुनि, महंत दामोदर दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत निरंजन दास, महंत प्रेमदास, महेंद्र दामोदर शरण दास, महंत निर्मल दास, महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत गोविंद दास, महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशमुनि, महंत श्रवण मुनि, महंत सुतीक्षण मुनि, महंत गंगादास, महंत रंगनाथ दास, महंत सर्वेश मुनि, महंत दुर्गेश मुनि, अनीता शर्मा, सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।