नई दिल्ली : अंजलि हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने कई नए खुलासे किए हैं। पुलिस ने दो और आरोपियों के नामों का खुलासा किया है, जिन्होंने आरोपियों को बचाने की कोशिश की है। स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा ने कहा है कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि गाड़ी को दीपक नहीं बल्कि अमित चला रहा था। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और उसे बचाने के लिए पहले झूठ बोला गया। आरोपियों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है।
सागर प्रीत हुड्डा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो अब तक की जांच के बारे में विस्तार से बताया और पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, ‘कंझावला केस की जांच अहम मोड़ पर पहुंच चुकी है। दिल्ली पुलिस की 18 टीम इस केस में काम कर रही है। सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। क्राइम सीन की जांच हो चुकी है और पोस्टमॉर्टम हो चुका है। 5 आरोपियों से पूछताछ चल रही है। उनके बयान के आधार पर जो बातें सामने आ रही हैं उन्हें वेरिफाई किया जा रहा है। जो आरोपी हैं उनके बयानों में विरोधाभास दिखे हैं।”
स्पेशल सीपी ने बताया कि इसमें दो लोग और शामिल थे, जिनका नाम आशुतोष और अंकुश खन्ना है। इन दोनों को घटना की पूरी जानकारी थी और इन्होंने आरोपियों को बचाने के लिए मदद की। इनमें से एक 5 आरोपियों में से एक का भाई है तो दूसरा गाड़ी का मालिक है, जिसे पता था कि गाड़ी कौन ले गया है। लेकिन गलत जानकारी दी थी। पुलिस ने यह भी कहा कि शुरुआती पूछताछ में दीपक ने खुद को गाड़ी का ड्राइवर बताया था लेकिन पता चला कि गाड़ी अमित चला रहा था। इसके साइंटेफिक एविडेंस भी मिले हैं।
अंजलि की आरोपियों से नहीं थी पहचान
स्पेशल सीपी ने कहा कि कॉल डिटेल्स की जांच के बाद यह साफ हो गया कि आरोपी और मृतक लड़की के बीच कोई पुरानी पहचान नहीं थी। गवाह के साथ भी आरोपियों का कोई पुराना कनेक्शन नहीं था। पुलिस ने मर्डर की आशंका को फिलहाल खारिज करते हुए कहा कि हत्या के लिए मोटिव होना जरूरी है। लेकिन इस केस में अभी तक ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है। स्पेशल सीपी ने कहा कि पुलिस जल्द चार्जशीट तैयार करेगी ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।