विकासनगर। खत विशायल के सिमोग मंदिर में 12 साल बाद मनाए जाने वाले छाए पालकी (बरांश) का जागड़ा 25 जून को आयोजित किया जाएगा। इससे पहले तीनों देवता (शिलगुर, बिजट और चूड़ेश्वर महाराज) पद यात्रा कर शाही स्नान के लिए चूड़धार जाएंगे।
रविवार को मंदिर परिसर में संपन्न हुई बैठक में देवता चूड़धार प्रस्थान और वापसी की तिथियां निर्धारित की गईं। साथ ही जागड़े के दौरान आने वाले संभावित बीस से पचीस हजार श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था करने पर भी चर्चा की गई। सिमोग मंदिर के देव माली भीम सिंह चौहान ने बताया कि 17 जून को तीनों देवता सिमोग मंदिर से चूड़धार के लिए प्रस्थान करेंगे। इच्छाड़ी में तीन घंटे तक सभी इच्छा के अनुसार केस कटान, बाट भराई की जाएगी। रात्रि विश्राम मंझगांव क्वानू में होगा। दूसरे दिन क्वानू से मीनस होते हुए रात्रि विश्राम बटेरा फेडिज पुल में होगा। तीसरे दिन बेटरा से नेरुवा होते हुए रात्रि विश्राम के लिए देवता सराह मंदिर में पहुंचेंगे। चौथे दिन चूड़धार पहुंचने के बाद पांचवें दिन सुबह देवता शाही स्नान करेंगे।
शाही स्नान के बाद वापसी के लिए चूड़धार मंदिर से निकलने के बाद मीनस में रात्रि विश्राम किया जाएगा। छठे दिन क्वानू, सातवें दिन फेडोलानी से होते हुए रात्रि विश्राम पजिटिलानी में होगा। आठवें दिन 24 जून को तीनों देवता रात्रि विश्राम के लिए देसोऊ पहुंचेगे,जहां से 25 जून को बरांश छाए पालकी जागड़ा देसोऊ से सिमोग मंदिर तक पहुंचेगा। जिसके बाद विधि विधान से तीनों देवताओं को मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा। देवता के मंदिर में प्रवेश के बाद बरांश जागड़ा मनाया जाएगा। बैठक में मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं वजीर कुंवर सिंह शर्मा, खत स्याणा जगत सिंह, प्रेम सिंह, रूपराम, दयारामा चौहान, केशर सिंह नेगी, श्रीचंद शर्मा, रमेश शर्मा, कुंदन चौहान, पूरण सिंह, लायक राम शर्मा, पूरण शर्मा, इंदर शर्मा, बलवीर चौहान आदि मौजूद रहे।