उधमपुर: अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में जो हथियार और उपकरण छोड़कर गए थे वे अब आतंकियों के हाथ तक पहुंच चुके हैं। भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के कमांडर उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अफगानिस्तान में अमेरिका ने जो सामान छोड़ था वह कुछ हद तक आतंकियो के हाथ में आया है।
उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ हमारे हालिया ऑपरेशन में एम-4 राइफल मिली थी, जो मेड इन अमेरिका है। हमें कुछ नाइट विजन डिवाइस मिली है जो मेड इन यूके है और मेड इन चीन है। इसका मतलब है कि कुछ इक्विपमेंट तो आया है। लेकिन इसे इस्तेमाल करने के लिए आतंकियों को ट्रेंड होना चाहिए। हमारी कोशिश यही है कि उस उपकरण और आतंकी का तालमेल ना बैठने दें। जहां उपकरण है वहां आतंकी ना पहुंचे और जहां आतंकी उस तक उपकरण ना पहुंचे। हमें इसमें काफी सफलता भी मिली है।
पीओके में आतंकियों के 6 बड़े, 29 छोटे कैंप
उन्होंने कहा कि आतंकियों की किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए हमारी एंटी इनफिल्ट्रेशन ग्रिड मजबूत है। इस वक्त पीओके में आतंकियों के करीब 6 बड़े कैंप और करीब 29 छोटे कैंप हैं। वहां कई अस्थाई लॉन्च पेड भी हैं। ये लॉन्च पेड पाकिस्तानी सेना के पोस्ट के आसपास होते हैं तो पाकिस्तान आर्मी और इनके बीच मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि पीओके में इस वक्त करीब 200 आतंकी हैं जो घुसपैठ की कोशिश में हैं। घाटी में इस वक्त करीब 40-50 लोकल आतंकवादी हो सकते हैं। विदेशी आतंकियों की संख्या के बारे में कहा नहीं जा सकता।