Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

संतुलन साधने में बिखरी कूटनीति!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
October 19, 2022
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
17
SHARES
574
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

अजीत द्विवेदी


जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है अपनी अलग-अलग मजबूरियों के कारण भारत लगातार संतुलन साधने की कूटनीति कर रहा है और इस प्रयास में भारत की कूटनीति पूरी तरह से बिखर गई है। इसमें जो तारतम्य होना चाहिए, जिस तरह की बारीकियां होनी चाहिए और अपने हितों को पूरा करने की स्पष्ट सोच दिखनी चाहिए वह नहीं दिख रही है। एक अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव आया, जिसमें यूक्रेन के चार हिस्सों को रूस में मिला लेने का विरोध किया गया। रूस ने इस प्रस्ताव को वीटो कर दिया लेकिन हैरानी की बात है कि भारत ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से गैर-हाजिर रहने का विकल्प चुना। इससे भी दिलचस्प बात यह है कि वही प्रस्ताव अब संयुक्त राष्ट्र महासभा में रखने के लिए लाया गया तो रूस ने महासभा में गुप्त बैलेट से मतदान की मांग की, जिसको लेकर 10 अक्टूबर को वोटिंग हुई तो करीब एक सौ देशों के साथ भारत ने भी रूस के विरोध में वोट किया। हालांकि यह प्रक्रियागत मामले को लेकर वोटिंग थी, लेकिन भारत ने रूस का विरोध किया। और फिर महासभा में 12 अक्टूबर को वोटिंग की बारी आई तो फिर भारत वोटिंग से गैरहाजिर हो गया।

इन्हें भी पढ़े

Sushil Gaikwad

सुशील गायकवाड़ ने महाराष्ट्र सदन के रेजिडेंट कमिश्नर का संभाला कार्यभार

October 10, 2025

परियोजनाओं को पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को मिलेगी विशेष सहायता

October 10, 2025
highway

10,000 KM के 25 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बना रही सरकार!

October 9, 2025
Amit Shah

गृहमंत्री अमित शाह ने Gmail को कहा अलविदा, जानें क्या है नया Email एड्रेस?

October 8, 2025
Load More

भारत पिछले आठ महीने से इसी तरह संतुलन बैठाने की कोशिश कर रहा है। आठ महीने में दो बार इसी तरह के मामलों में रूस के खिलाफ वोट किया और बाकी लगभग हर बार वोटिंग से गैरहाजिर रहा। भारत की कूटनीति इतनी रैंडम है कि कभी भारत के नेता और राजनयिक रूस को नसीहत देने लगते हैं तो कभी अमेरिका और यूरोप से लडऩे लगते हैं। समझ ही नहीं आता है कि भारत की कूटनीति किस दिशा में बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ देशों के सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की तो उनसे कहा कि युद्ध समाप्त होना चाहिए क्योंकि अभी युद्ध का समय नहीं है। हालांकि यह भी अजीब बात है क्योंकि कोई भी समय युद्ध का समय नहीं होता है और अगर कोई समय होता भी है तो वह कौन तय करेगा कि कब युद्ध का समय है? बहरहाल, पश्चिमी देशों ने प्रधानमंत्री की इस बात का समर्थन किया।

लेकिन फिर एक दिन भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अपना ज्ञान देने लगे कि भारत और रूस की दोस्ती तब से है, जब अमेरिका और पश्चिमी देश भारत को हथियार नहीं देते थे, बल्कि उन्होंने भारत की बजाय एक सैन्य तानाशाही वाले देश पाकिस्तान को मदद करने के लिए चुना था। यह बात उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में कही। सोचें, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत भी क्वाड का हिस्सा है, जिसका गठन चीन की विस्तारवादी नीतियों का जवाब देने के लिए हुआ है और सब जानते हैं कि चीन और रूस किस तरह से आपस में जुड़े हुए हैं, ऑस्ट्रेलिया के सामने चीन का कैसा खतरा है और ऑस्ट्रेलिया किस तरह से पश्चिमी देशों का सहयोगी है। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री के साथ प्रेस कांफ्रेंस में जयशंकर ने रूस से भारत की दोस्ती का राग छेड़ा और अमेरिका व पश्चिमी देशों पर निशाना साधा। इससे क्या हासिल हुआ या क्या हासिल होगा, यह कोई नहीं बता सकता है।

विदेश मंत्री से भी बड़े कूटनीति के जानकार भारत के पेट्रोलियम मंत्री हैं क्योंकि वे भी विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं और जयशंकर से सीनियर हैं। सो, मौके बे मौके वे भी कूटनीति पर बयान देते रहते हैं। उन्होंने पिछले दिनों बिना किसी खास संदर्भ के कहा कि भारत को जहां से मर्जी होगी वहां से कच्चा तेल खरीदेगा। यह बात उन्होंने रूस से तेल खरीद के मामले में कही। हकीकत यह है कि भारत सरकार रूस से तेल नहीं खरीद रही है। अमेरिका की पाबंदी के बाद भारत की सरकारी कंपनियों ने बहुत कम कच्चा तेल रूस से खरीदा है। भारत की निजी पेट्रोलियम कंपनियों ने जरूर रूस से सस्ता तेल खरीद कर उसे दुनिया के बाजार में महंगा बेचा और मुनाफा कमाया लेकिन सरकारी कंपनियों की खरीद बहुत मामूली रही है। फिर भी पेट्रोलियम मंत्री पता नहीं किसको चिढ़ाने के लिए यह बयान दे रहे थे कि भारत को जहां से मर्जी होगी वहां से तेल खरीदेगा। अगर ऐसा ही मर्जी का मामला है तो इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम क्यों नहीं रूस से भरपूर सस्ता तेल खरीद रहे हैं और सरकार देश के लोगों को भी सस्ता तेल क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है?

केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा के बड़े नेता प्रेस कांफ्रेंस करके दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन का युद्ध रूकवा दिया था ताकि भारत के नागरिकों को यूक्रेन से निकाला जा सके। अगर ऐसा है तो भारत अपने इस असर का इस्तेमाल करके युद्ध खत्म कराने की पहल क्यों नहीं कर रहा है? इक्का दुक्का बयानों के अलावा भारत ने युद्ध खत्म कराने की कोई सक्रिय पहल नहीं की है। भारत ने कहा है कि वह शांति के हर प्रयास का समर्थन करने को तैयार है। लेकिन कैसे समर्थन करेगा? शांति का प्रयास कौन करेगा? भारत खुद क्यों नहीं पहल करता है? क्यों नहीं प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री रूसी प्रतिनिधियों से बात करते हैं, चीन और अमेरिका से बात करते हैं, यूरोपीय देशों से बात करते हैं और युद्ध खत्म कराने का ठोस प्रयास कर रहे हैं?

रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से यूरोप के कई देश मुश्किल में हैं। सर्दियां शुरू होने के साथ ही कई यूरोपीय देशों में भयंकर सर्दी और अंधेरे का शिकार होंगे, क्योंकि रूस पर लगी पाबंदियों की वजह से गैस और कच्चे तेल की आपूर्ति बंद या बहुत मामूली आपूर्ति हो रही है। यूरोपीय देशों की तरह भारत के सामने भी बड़ा संकट है। रूस से कच्चा तेल खरीदने में अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों की बाधा है तो रूस की शह पर सउदी अरब और ओपेक देशों ने उत्पादन कम रखने का जो फैसला किया है उससे कच्चे तेल के दाम में बेहिसाब तेजी आनी तय है। अगर युद्ध बढ़ता है, जिसके आसार दिख रहे हैं तो तेल से लेकर अनाज तक हर चीज का संकट होगा। रूस ने जिस तरह से कर्च पुल टूटने के बाद यूक्रेन पर बमबारी की है और मिसाइल दागे हैं उससे युद्ध बढऩे की संभावना है।

बेलारूस इस युद्ध में रूस की मदद कर रहा है और यूरोपीय देशों ने बेलारूस को भी पाबंदियों की चेतावनी दी है। इससे यह भी लग रहा है कि और देश इस युद्ध की चपेट में आएंगे या शामिल होंगे। परमाणु संयंत्रों पर हमले या परमाणु हमले का खतरा रियल दिख रहा है। सोचें, अगर युद्ध बढ़ता है तो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए कितना बड़ा संकट पैदा होगा। महंगाई कहां पहुंचेगी, रुपया कितना गिरेगा, विकास दर कितनी कम होगी, अनाज की कैसी कमी होगी और रोजगार का क्या अभूतपूर्व संकट होगा! ऐसे समय में संतुलन बनाने की भारतीय कूटनीति से न भारत को कुछ हासिल हो रहा है और न अंतरराष्ट्रीय शांति में कोई योगदान हो पा रहा है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
TERI Summit pm modi

‘नए भारत में महिला शक्ति का परचम’, अपने जन्मदिन पर PM मोदी ने क्यों कही ये बात

September 17, 2022
Sripanchadashnam Juna Akhara

श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े से कांवड़ यात्रा में मुसलमानों के पूर्ण बहिष्कार का आह्वान

June 26, 2025
PM Modi make elections

मुस्लिम और मंगलसूत्र से पीएम मोदी ने चुनाव को आक्रामक बनाया?

April 23, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • मैच के दौरान शुभमन गिल को मिला लव प्रपोजल, वायरल हो गई मिस्ट्री गर्ल
  • नोबेल अवॉर्ड की आड़ में क्या शुरू होने वाली है भीषण जंग?
  • पराली जलाना अब पड़ेगा महंगा, योगी सरकार देगी कड़ी सजा!

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.