नई दिल्ली: रिलायंस जियो के भारतीय टेलीकॉम मार्केट में भूचाल लाने के बाद एक काम ये हुआ कि भारत में इंटरनेट का विस्तार तेजी से हुआ. इसी के साथ नए खतरे भी पैदा हुए जैसे कि ऑनलाइन स्कैम, साइबर क्राइम वगैरह. इसी के साथ मार्केट में ‘साइबर इंश्योरेंस’ भी लॉन्च हो चुके हैं. आखिर क्या काम आते हैं ये बीमा, कैसे पहुंचाते हैं आपको फायदा और कैसे अलग होते हैं बाकी इंश्योरेंस से.
अगर बीते साल देशभर में हुए साइबर फ्रॉड की संख्या को देखें तो इनकी संख्या लाखों में है. ऐसे में अगर चंद रुपए देकर आपको साइबर ठगी या अन्य स्कैम से सुरक्षा मिल जाए तो भला उसमें बुराई क्या है. बस साइबर इंश्योरेंस आपको ऐसी ही सुरक्षा प्रदान करते हैं.
क्या होता है साइबर इंश्योरेंस?
साइबर इंश्योरेंस में पॉलिसी होल्डर को अलग-अलग तरह के साइबर फ्रॉड से सुरक्षा मिलती है. इसमें यूपीआई के माध्यम से होने वाले साइबर फ्रॉड, क्यूआर कोड से होने वाले फ्रॉड, फिशिंग, ईमेल स्पूफिंग इत्यादि से होने वाले वित्तीय नुकसान को कवर किया जाता है. इतना ही नहीं ये पॉलिसी आपके बैंक अकाउंट में पड़े पैसे, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से अनचाहे लेनदेन या धोखाधड़ी से भी आपको प्रोटेक्ट करती है.
रखती है आपकी प्राइवेसी का ध्यान
साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी में आपकी प्राइवेसी का भी ध्यान रखा जाता है. मतलब कंपनी आपकी उन निजी डिजिटल जानकारियों की भी सुरक्षा करती है जहां आपको डेटा लीक होने की वजह से कोई नुकसान होता है. बीमा उपलब्ध कराने वाली क्लेम देकर ऐसे नुकसान की भरपाई करती हैं.
देश में अभी कई कंपनियां साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करती हैं. इनमें एसबीआई जनरल इंश्योरेंस से लेकर बजाज आलियांज, एचडीएफसी अर्गो, इत्यादि शामिल हैं. इनमें आप 50,000 रुपए सम-एश्योर्ड से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का बीमा ले सकते हैं.