प्रकाश मेहरा
लखनऊ: कांवड़ रूट पर दुकानों का नाम और दुकानदार का नाम बताने वाले यूपी सरकार के फैसले पर अब बीजेपी के ही साथी विरोध जताने लगे हैं. जेडीयू, एलजेपी और आरएलडी तीनों ने विरोध किया है. जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि यूपी से बड़ी कांवड़ यात्रा बिहार में निकलती है, लेकिन वहां ऐसे कोई आदेश नहीं है. पीएम मोदी कहते हैं सबका साथ सबका विकास, तो ये सभी को मानना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, वह पीएम मोदी मोदी के इस स्लोगन के खिलाफ हैं. इस फैसले पर योगी सरकार को विचार करना चाहिए।
वहीं, RLD महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि राजनीति में धर्म जाति नहीं होनी चाहिए. ये उचित बात नहीं है, दुकानों के बाहर नाम लिखवाना परंपरा गलत है, जनता की मर्जी है कि कहीं से भी खरीदे. उन्होंने कहा कि शराब पीने से धर्म भ्रष्ट नहीं होता क्या? क्या सिर्फ मीट पर ही धर्म भ्रष्ट होता है? RLD महासचिव ने कहा कि यूपी के मंत्री शराब पर क्यों नहीं बोलते? गरीबों की दुकानों पर उंगली उठाते हैं, तो शराब पर एक्शन क्यों नहीं? मुसलमान तो कांवड यात्रा पर फूल बरसाते हैं।
उधर, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सहयोगी चिराग पासवान ने एक्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से बातचीत में कहा कि “वह मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा दुकानों और दुकानदार का नाम बताने वाले फैसले को समर्थन नहीं करते हैं” मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फैसले पर चिराग पासवान ने कहा कि जब भी जाति या धर्म के नाम पर कोई विभाजन होता है, तो में इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करता।
सीएम योगी के आदेश पर कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने कहा कि कांवड़ यात्रा शिविरों में हम लोग पहले से सेवा करते आ रहे हैं, कांवड़ यात्रियों की पोशाके, हौजरी मुसलमान कारीगर बनाते हैं, मेरठ में कांवड़ को सजाने का काम मुसलमान करते हैं. आप नफरत की जो बातें करते हैं इससे कोई फायदा नहीं है. कांवड़ियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हमें आपस में प्यार-मोहब्बत है, हम आपके एजेंडे से भटकने वाले लोग नहीं है।
योगी सरकार के आदेश को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि यह आदेश मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाने का प्रयास है, ताकि किसी भी हिंदू श्रद्धालु को गलती से भी मुस्लिम दुकान से कुछ खरीदने की नौबत न आए,
CMO ने अपने आदेश में क्या क्या?
मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि पूरे उत्तर तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान लिखना होगा. सीएमओ के मुताबिक, कांवड़े यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है और हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कार्रवाई होगी.