नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने महज 150 प्रकाश-वर्ष दूर दो सफेद बौने तारों की एक दुर्लभ जोड़ी खोजी है. आने वाले अरबों वर्षों में ये दोनों तारे टकराएंगे और फिर एक विनाशकारी Type 1a सुपरनोवा विस्फोट में बदल जाएंगे. यह विस्फोट इतना चमकदार होगा कि यह चंद्रमा से 10 गुना अधिक रोशनी फैलाएगा और पूरी आकाशगंगा को कुछ पल के लिए चमका देगा. इस खोज को नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में 4 अप्रैल को प्रकाशित किया गया है.
क्या है यह ‘डूम्ड स्टार सिस्टम’?
यह दो सफेद बौने तारों का एक बाइनरी सिस्टम है, जो धीरे-धीरे एक-दूसरे की ओर खिंच रहे हैं. इनका कुल द्रव्यमान हमारे सूरज से 1.56 गुना अधिक है, जो इन्हें टाइप 1a सुपरनोवा बनने के लिए आदर्श बनाता है. अभी ये तारे 14 घंटे में एक चक्कर पूरा करते हैं, लेकिन 23 अरब साल बाद जब ये टकराएंगे, तो इनकी गति इतनी तेज होगी कि 30-40 सेकंड में एक परिक्रमा पूरी कर लेंगे.
क्या होता है टाइप 1a सुपरनोवा?
यह एक विशेष प्रकार का सुपरनोवा है, जो तब होता है जब एक सफेद बौना तारा अपने साथी तारे से अत्यधिक द्रव्यमान खींच लेता है और आखिरकार टकरा जाता है. यह विस्फोट इतना शक्तिशाली होता है कि पूरी आकाशगंगा को कुछ समय के लिए चमका देता है. हमारी मिल्की वे आकाशगंगा में ऐसा विस्फोट हर 500 साल में एक बार होता है.
कैसे होगा यह विस्फोट?
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह विस्फोट चार चरणों में होगा
- पहला धमाका: एक तारा दूसरे से द्रव्यमान खींचेगा और उसकी सतह पर विस्फोट होगा.
- दूसरा धमाका: पहले तारे का कोर फटेगा और पदार्थ हर दिशा में फैलेगा.
- तीसरा और चौथा धमाका: यह पदार्थ दूसरे तारे से टकराएगा और दोबारा विस्फोट करेगा.
- अंतिम विस्फोट: दोनों तारे पूरी तरह नष्ट हो जाएंगे और एक चमकदार सुपरनोवा बन जाएगा.
इस विस्फोट की ऊर्जा मानव निर्मित सबसे शक्तिशाली परमाणु बम से हज़ार ट्रिलियन गुना अधिक होगी!
क्या पृथ्वी को कोई खतरा है?
यह विस्फोट 23 अरब साल बाद होगा, जब तक हमारी आकाशगंगा का अस्तित्व भी नहीं रह सकता. यह पृथ्वी से इतना दूर है कि हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा, लेकिन आकाश में जुपिटर से 2 लाख गुना ज्यादा चमकदार दिखेगा.