अनमोल सोवित
दुनिया में युवाओं की आबादी कुल आबादी की लगभग 16 फीसद है। यानी विश्व में 8 अरब की आबादी में लगभग 125 करोड़ युवा हैं।
युवाओं की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए उनके प्रतिनिधित्व की जरूरत महसूस की गई। इसी को ध्यान में रखते हुए जी 20 देशों के समूह ने 20 यानी युवाओं के एक अलग समूह की स्थापना की है। जी 20 देशों के युवाओं के इस समूह की भूमिका अति महत्त्वपूर्ण है। इनका योगदान न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को जोडऩे के क्षेत्र में है बल्कि इन युवाओं के रिसर्च और रिपोर्ट के आधार पर वैश्विक स्तर पर नीतियों का निर्धारण और क्रियान्वयन भी जी 20 के देशों के द्वारा किया जाता रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युवा दिवस 2022 के अवसर पर राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा था ‘आज दुनिया भारत को एक आशा की दृष्टि से, एक विश्वास की दृष्टि से देखती है क्योंकि भारत का जन भी युवा है, और भारत का मन भी युवा है। भारत अपने सामथ्र्य से भी युवा है, भारत अपने सपनों से भी युवा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत अपने चिंतन और अपनी चेतना से भी युवा है। भारत के युवाओं के पास बड़ी युवा आबादी के साथ- साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं। इसका लाभ अतुलनीय है।’
युवाओं के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व को रेखांकित करने और आपसी जुड़ाव के महत्त्व को समझने की दिशा में 20 आज की तिथि में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 20 न केवल युवाओं को जी 20 के सरकार के प्रमुखों के समक्ष अपने विचारों और दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने का अवसर देता है बल्कि यह युवाओं को कठिन बहुपक्षीय परामर्श में भी शामिल होने का मौका देता है। जी 20 शिखर सम्मेलनों के दौरान युवाओं को पर्याप्त अवसर देकर उनकी प्रतिभा और रणनीतिक एवं नेतृत्व कौशल को उभारने का प्रयास किया जाता है। जी 20 देशों ने युवाओं के कार्य कौशल एवं उनके भीतर की प्रतिभा को उभारने एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके दृष्टिकोण और वैचारिकता को प्रस्तुत करने के उद्देश्य से ही यूथ 20 का गठन किया है। इस युवा जुड़ाव समूह में प्रत्येक जी 20 देशों के युवाओं को समान प्रतिनिधित्व मिलता है।
जिसके तहत हर देश से 5 युवाओं को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया जाता है। विभिन्न देशों के युवा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श कर एक समावेशी निर्णय पर पहुंचते हैं। तत्पश्चात अपने निर्णयों को एक रिपोर्ट के माध्यम से जी 20 के देशों के नेताओं के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। यूथ 20 के माध्यम से वैश्विक स्तर पर युवाओं को अपने राष्ट्र एवं पूरी दुनिया के भविष्य के प्रतिनिधित्व का अवसर मिलता है। यूथ 20 के माध्यम से युवाओं से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपने अनुभव और बुद्धिमता के द्वारा वैश्विक स्तर पर दायित्व की भावना को बढ़ावा देंगे। उनसे यह आशा होती है कि वे भविष्य के प्रति एक सकारात्मक जिम्मेदारी ग्रहण करेंगे ताकि उनके एक सुंदर और समावेशी भविष्य के निर्माण की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया जा सके। यूथ 20 के युवाओं को वैश्विक स्तर के सभी युवाओं की आवाज मानकर उनके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से बेहतर दुनिया की संकल्पना की जाती है।
इंडोनेशिया में आयोजित जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन में यूथ 20 के प्रतिनिधियों के द्वारा कई वैश्विक मुद्दों पर लंबा विचार विमर्श किया गया। युवाओं के इस समूह ने पर्यावरण, स्थिरता, शांति, सुरक्षा, समावेशन और इक्विटी के संबंध में युवाओं को दिशा दी है। युवाओं के इस अहम समूह ने वैश्विक नेताओं से सतत और रहने योग्य धरती, युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार, तकनीकी विकास एवं विविधता और समावेशिता पर नीतियां बनाने का आह्वान किया है। इंडोनेशिया की अध्यक्षता में संपन्न हुए जी 20 देशों के इस शिखर सम्मेलन के बाद अगले एक साल के लिए जी 20 देशों की अध्यक्षता भारत को सौंप दी गई। भारत वर्तमान में संसार का सबसे युवा देश है। इसलिए युआवों के लिए भारत की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। भारत इक्कसवीं सदी में दुनिया की महाशक्ति बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का चतुर्दिक विकास हो रहा है।
हर क्षेत्र में भारत की हो रही इस तरक्की के आधार देश के युवा हैं। ऐसे में जी 20 की अध्यक्षता मिलने के बाद यूथ 20 के युवाओं के प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी भी भारत के पास है और भारत को मिले इस अवसर का निश्चित रूप से देश के युवाओं के विकास को दिशा देगा। यूथ 20 मंच के माध्यम से भारत के युवाओं के आकांक्षाओं को प्राथमिकता देना, उनके सशक्तिकरण की जरूरत पर बल देना आवश्यक है। भारत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देने वाले, विश्व को नई राह दिखाने वाले स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा था ‘उठो, जागो और तब तक नहीं रु को, जब तक कि लक्ष्य न प्राप्त हो जाए।’ स्वामी विवेकानंद जी के ये विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरक हैं। जी 20 के मंच के माध्यम से देश के युवाओं के पास एक अवसर आया है कि अपनी क्षमता, ज्ञान और बेहतर विश्व बनाने के संकल्प के साथ एक बार पुन: विश्व का मार्गदर्शन करें।