Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home धर्म

कब शुरू होगी जगन्नाथ रथ यात्रा ? आषाढ़ की इस पावन यात्रा में मिले मोक्ष का आलिंगन !

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
June 16, 2025
in धर्म, विशेष
A A
Jagannath Rath Yatra
19
SHARES
623
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर


नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू होती है। साल 2025 में यह तिथि 26 जून को दोपहर 01:25 बजे से शुरू होगी और 27 जून को सुबह 11:19 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून 2025 से शुरू होगी। यह यात्रा ओडिशा के पुरी शहर में आयोजित होती है और आमतौर पर 9-10 दिनों तक चलती है, जो आषाढ़ शुक्ल दशमी तिथि तक समाप्त होती है।

इन्हें भी पढ़े

जिहाद

जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले इस्लाम और भारत दोनों के दुश्मन, इनका समूल नष्ट किया जाए

December 3, 2025
Indian economic

भारत की आर्थिक विकास दर ने पूरे विश्व को चौंकाया

December 2, 2025
शराब

गांव के युवकों में शराब की लत बढ़ी!

November 30, 2025
Indian economic

भारत का आर्थिक विकास – सहकारिता से समृद्धि की ओर

November 30, 2025
Load More

जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व

जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म में एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), उनके बड़े भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा को समर्पित है। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और भक्ति का भी उत्सव है। निम्नलिखित बिंदुओं में इसका महत्व समझा जा सकता है

मान्यता है कि “रथ यात्रा में शामिल होने या भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्कंद पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति भगवान के नाम का कीर्तन करते हुए गुंडीचा मंदिर तक जाता है, वह पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है। रथ खींचने से सौ यज्ञों के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है, और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह यात्रा भगवान विष्णु के अवतार जगन्नाथ की कृपा और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से सौभाग्य प्रदान करती है।

क्या है पौराणिक कथा ?

एक कथा के अनुसार, सुभद्रा ने भगवान जगन्नाथ से नगर भ्रमण की इच्छा व्यक्त की थी। इसके बाद, भगवान जगन्नाथ ने अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर नगर का भ्रमण किया। तब से यह परंपरा हर साल मनाई जाती है। गुंडीचा मंदिर, जहां रथ यात्रा समाप्त होती है, को भगवान की मौसी का घर माना जाता है, जहां वे 7 दिनों तक विश्राम करते हैं।

यह यात्रा सामाजिक समरसता का प्रतीक है। पुरी के गजपति महाराज स्वयं रथ के सामने सोने की झाड़ू से सफाई करते हैं, जिसे “छेरा पहरा” कहा जाता है। यह दर्शाता है कि भगवान के सामने सभी समान हैं। लाखों भक्त देश-विदेश से इस उत्सव में शामिल होते हैं, जिससे पुरी में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्साह का माहौल बनता है। रथ यात्रा को “पुरी कार फेस्टिवल” के नाम से भी जाना जाता है, जो पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।

रथ और उनका निर्माण

यात्रा में तीन रथ शामिल होते हैं नंदीघोष (भगवान जगन्नाथ का रथ) 45.5 फीट ऊंचा, 16 पहिए, लाल-पीले रंग का। तालध्वज (बलभद्र का रथ) 13.2 मीटर ऊंचा, 14 पहिए, लाल-हरे रंग का। दर्पदलन (सुभद्रा का रथ) 42 फीट 3 इंच ऊंचा, 12 पहिए, काले-लाल रंग का। रथों का निर्माण अक्षय तृतीया से शुरू होता है और नीम की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। हर साल नए रथ बनाए जाते हैं।

रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर लगभग 3-4 किलोमीटर दूर गुंडीचा मंदिर तक जाती है। भक्त रथों को मोटी रस्सियों से खींचते हैं। गुंडीचा मंदिर में भगवान 7 दिन विश्राम करते हैं, और दशमी तिथि को “बहुड़ा यात्रा” के साथ वापस लौटते हैं।

क्या होती हैं विशेष परंपराएं !

छेरा पहरा में पुरी के गजपति महाराज रथों और मार्ग की सफाई करते हैं। गुंडीचा मार्जन में यात्रा से एक दिन पहले गुंडीचा मंदिर को शुद्ध जल से धोया जाता है। हेरा पंचमी में पांचवें दिन मां लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ को खोजने आती हैं। रुष्ट होकर वे रथ का पहिया तोड़ देती हैं और अपने मंदिर लौट जाती हैं। बाद में भगवान उन्हें मनाते हैं।

पुरी का जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक !

महाप्रसाद जगन्नाथ मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है, जहां महाप्रसाद मिट्टी के बर्तनों में लकड़ी पर पकाया जाता है। इसमें आलू, टमाटर, और फूलगोभी का उपयोग नहीं होता। रथ यात्रा के दिन अक्सर बारिश होती है, जिसे भगवान की कृपा माना जाता है। भगवान जगन्नाथ का रथ यात्रा के दौरान मुस्लिम भक्त सालबेग की मजार पर रुकता है, जो साम्प्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है। पुरी का जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक है, और इसकी मूर्तियां अधूरी हैं, जो एक पौराणिक कथा से जुड़ी हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा एक ऐसा उत्सव है जो भक्ति, परंपरा और सामाजिक एकता को एकसाथ जोड़ता है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सनातन संस्कृति की जीवंतता को भी दर्शाती है। 27 जून 2025 से शुरू होने वाली इस यात्रा में शामिल होकर भक्त अपने जीवन को सुख, शांति, और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर कर सकते हैं।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Street vendors speak Halal at Jantar Mantar

रेहड़ी पटरी वेंडर्स का जंतर मंतर पर हलाल बोल

March 15, 2023
CM Dhami

सीएम धामी ने किया राज्य में 60 मोबाइल पशु चिकित्सालय इकाइयों का लोकार्पण

November 17, 2022
india economy

अर्थव्यवस्था में क्या सुधार हो रहा है?

December 27, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • ब्रह्मोस के राज जानना चाहता है पाकिस्तान, हनीट्रैप का बिछाया जाल
  • अमेरिका के बड़े शहरों पर डूबने का खतरा, एक सदी में एक बार आने वाली तबाही
  • जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले इस्लाम और भारत दोनों के दुश्मन, इनका समूल नष्ट किया जाए

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.