प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
संभल। संभल जिले के खग्गू सराय क्षेत्र में स्थित कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल बाद श्रावण मास की शिवरात्रि (22 जुलाई) पर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की गई। यह मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में है और 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद से बंद था। पहली बार स्थानीय प्रशासन और श्रद्धालुओं ने एक साथ विधिवत जलाभिषेक किया। मंदिर 1978 के दंगों के बाद बंद हो गया था, जब हिंदू परिवारों ने क्षेत्र से पलायन किया। 14 दिसंबर 2024 को बिजली चोरी की जांच के दौरान प्रशासन ने इसे खोजा और खुलवाया।
जलाभिषेक और पूजा
22 जुलाई को सावन की शिवरात्रि पर सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। एसडीएम विकास चंद्र ने पूजा का शुभारंभ किया। मंदिर में शिवलिंग, हनुमान, नंदी और गणेश की मूर्तियां हैं। संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए। मंदिर और जामा मस्जिद के आसपास पुलिस बल, मजिस्ट्रेट और RRF जवान तैनात थे। मुख्य द्वार पर बैरिकेडिंग और सीसीटीवी निगरानी थी।
डीएम राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मंदिर की सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित की। मंदिर परिसर में एक कुआं (अमृत कूप) भी मिला, जिसकी खुदाई में खंडित मूर्तियां प्राप्त हुईं। मंदिर की प्राचीनता जानने के लिए ASI को कार्बन डेटिंग के लिए पत्र लिखा गया। डीएम के अनुसार, संभल में 68 तीर्थ, 21 कूप, और 52 सराय हैं, जिनके संरक्षण की योजना है।
धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत
1978 के दंगों में 23 हिंदुओं और 2 मुसलमानों की मौत हुई थी, जिसके बाद मंदिर बंद हुआ। दंगों का कारण स्थानीय विवाद था, जिसे सांप्रदायिक रंग दिया गया। मंदिर में नियमित पूजा शुरू हो गई है और प्रशासन ने स्थायी सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी और सीसीटीवी की व्यवस्था की है। यह आयोजन संभल के लिए ऐतिहासिक रहा, जो धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जनन का प्रतीक है।