नई दिल्ली : कांग्रेस और अन्य दलों से बीजेपी में आनेवालों के लिए मोदी टीम का सियासी मोह और बढ़ता महत्व देख कर अब पुराने भाजपाइयों का सियासी धैर्य जवाब देने लगा है, यही वजह भी है कि अब बीजेपी में भी बगावत के स्वर बढ़ते जा रहे हैं! खबर है कि कर्नाटक में 10 मई 2023 को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के पूर्व नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है, जो शुक्रवार (14 अप्रैल 2023) को डीके शिवकुमार, रणदीप सिंह सुरजेवाला की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए.
यही नहीं, खबरों की मानें तो लक्ष्मण सावदी का कहना है कि…. बीजेपी अपने सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है, वहां केवल सत्ता की राजनीति है, पुरानी बीजेपी तो कहीं दिखती ही नहीं है, वे किसी भी कीमत पर सत्ता में रहना चाहते हैं! नाराजगी की हद यह है कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले लक्ष्मण सावदी का कहना था कि… मेरा बीजेपी के साथ हो गया, मेरे मरने के बाद भी मेरे शव को बीजेपी ऑफिस के सामने से नहीं लेकर जाया जाए?
याद रहे, बीजेपी ने चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी कर दी है, लेकिन अंतिम लिस्ट में भी लक्ष्मण सावदी का नाम गायब था, उन्हें अथानी विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया, जिसके बाद उन्होंने विधान परिषद सदस्यता और बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
सियासी सयानों का मानना है कि सत्ता के लिए सिद्धांतहीन राजनीतिक जोड़तोड़ की जो शुरूआत मोदी टीम ने की थी, पीएम नरेंद्र मोदी की कम होती पॉलिटिकल इमेज के मद्देनजर उसके राजनीतिक कुपरिणाम भी सामने आने लगे हैं, पुराने भाजपाइयों का सियासी धैर्य खत्म होता जा रहा है, तो बगावत के स्वर बुलंद हो रहे हैं!