प्रकाश मेहरा
स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली: बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं, जिन्हें विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने 19 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया। रेड्डी का कानूनी करियर लंबा और प्रतिष्ठित रहा है, और उन्हें भारत के प्रगतिशील और सम्मानित न्यायविदों में से एक माना जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके नाम की घोषणा करते हुए कहा कि “रेड्डी का चयन विपक्ष की एकजुटता और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
INDIA ब्लॉक ने क्यों चुना रेड्डी को ?
रेड्डी की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के रूप में पृष्ठभूमि उन्हें एक मजबूत और तटस्थ उम्मीदवार बनाती है। उनकी नियुक्ति को संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए विपक्ष की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
INDIA गठबंधन ने रेड्डी के नाम पर सर्वसम्मति से सहमति जताई, जो उनकी व्यापक स्वीकार्यता और गठबंधन के एकजुट दृष्टिकोण को दर्शाता है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने विशेष रूप से रेड्डी के नाम का समर्थन किया, जबकि DMK के सुझाए मायलस्वामी अन्नादुरई के नाम पर “तमिल बनाम तमिल” की लड़ाई से बचने के लिए आपत्ति जताई थी।
क्या है रणनीतिक दांव ?
विपक्ष इस चुनाव को संवैधानिक और लोकतांत्रिक मुद्दों पर लड़ने की रणनीति बना रहा है। रेड्डी का चयन इस बात का संकेत है कि विपक्ष एक गैर-राजनीतिक, सम्मानित व्यक्तित्व के जरिए NDA के उम्मीदवार, महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, को कड़ी चुनौती देना चाहता है।
रेड्डी का तमिलनाडु से संबंध होने के कारण विपक्ष ने दक्षिण भारत के मतदाताओं और नेताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि NDA के उम्मीदवार राधाकृष्णन भी तमिलनाडु से हैं।
व्हिप की अनुपस्थिति का लाभ
उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टियां अपने सांसदों को व्हिप जारी नहीं कर सकतीं, जिसका मतलब है कि सांसद अपनी मर्जी से वोट दे सकते हैं। विपक्ष को उम्मीद है कि रेड्डी की तटस्थ और सम्मानित छवि कुछ गैर-INDIA ब्लॉक सांसदों का समर्थन हासिल कर सकती है।
NDA का उम्मीदवार
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और तमिलनाडु के अनुभवी BJP नेता सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। INDIA ब्लॉक भले ही जीत की स्थिति में न हो, लेकिन वह इस चुनाव को संवैधानिक मूल्यों और विपक्षी एकजुटता के प्रदर्शन के रूप में उपयोग करना चाहता है, जैसा कि 2022 में मार्गरेट अल्वा की उम्मीदवारी के दौरान किया गया था। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर 2025 को निर्धारित है।
रेड्डी ने सभी दलों से समर्थन की अपील की है, और आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी उनके पक्ष में समर्थन की घोषणा की है।
क्या है विपक्ष की प्रतिबद्धता ?
रेड्डी के नाम की घोषणा से पहले, विपक्षी गठबंधन ने अन्य नामों पर भी विचार किया था, जैसे DMK के तिरुचि सिवा और मायलस्वामी अन्नादुरई। हालांकि, TMC की आपत्ति और रेड्डी की तटस्थ छवि के कारण अंतिम निर्णय उनके पक्ष में हुआ।
बी. सुदर्शन रेड्डी का चयन INDIA ब्लॉक की ओर से एक रणनीतिक और प्रतीकात्मक कदम है, जो संवैधानिक मूल्यों, क्षेत्रीय संतुलन, और विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। उनकी उम्मीदवारी NDA के सी.पी. राधाकृष्णन के खिलाफ एक कड़ा मुकाबला पेश करने की कोशिश है और यह चुनाव लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए विपक्ष की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।