नई दिल्ली: शक्तिपीठ झंडेवाला देवी मंदिर में आज शारदीय नवरात्र के सातवें दिन माँ के छठे स्वरूप “कात्यायनी‘’ देवी की श्रृंगार व पूजा अर्चना की गई। मां कात्यायनी की सवारी सिंह यानी शेर है। माता की चार भुजाएं हैं और उनके सिर पर हमेशा मुकुट सुशोभित रहता है। दो भुजाओं में कमल और तलवार धारण करती हैं। मां एक भुजा वर मुद्रा और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में रहती है।
विश्व प्रसिद्ध महर्षि कात्या ने भगवती जगदंबा की उपासना करते हुए बहुत वर्षो तक कठोर तपस्या की । उनकी इच्छा थी की माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म ले। उनकी प्रार्थना स्वीकार हुई और माँ कात्यायनी स्वरूप में उनके घर जन्म लिया। मान्यता है कि अगर भक्त विधि-विधान से माता की पूजा करें तो उनके विवाह में आ रही अड़चनें खत्म हो जाती हैं।
शक्तिपीठ झंडेवाला देवी मंदिर में पेयजल की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की गई है l लाइनों में खड़े भक्तों को पेयजल की आपूर्ति की जाती रही l पंक्तियों मे खड़े भक्तों के लिए मधुर भक्ति गीत – संगीत की स्वर लहरियाँ गूँजती रहती है जिससे भक्तों का उत्साह बना रहे l
प्रत्येक जूता स्टैंड और मंदिर के प्रवेश द्वार पर भक्तो के हाथो को सैनेटाईज करने की व्यवस्था की गई है।
प्रात: 4:00 बजे से रात्रि 12.00 बजे तक के सारे कार्यकर्मों का सीधा प्रसारण झण्डेवाला देवी मंदिर के यूट्यूब चैनल, वेबसाईट व फेसबुक पर किया गया l आज मंदिर में प्रात 9-00 बजे से रात्रि देर तक विभिन्न कीर्तन मंडलियों द्वारा महामाई का गुणगान किया गया।
मैट्रो स्टेशन से आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए निशुल्क ई-रिक्शाओं की व्यवस्था की गई है जिस का भक्तजन भरपूर उपयोग कर रहे हैं।
कल आठवें दिन माँ के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जायेगी l