नई दिल्ली। जब अमेरिका ने भारतीय सामान पर भारी-भरकम टैरिफ थोंपा तो लगा कि भारतीय निर्यातकों की डगर काफी मुश्किल हो जाएगी. कुछ समय के लिए ऐसा हुआ भी, लेकिन भारत ने अपने जुझारूपन से इस चुनौती को अवसर में बदल दिया. अमेरिका की हठधर्मी और व्यापारिक दीवारों के बावजूद भारत ने न सिर्फ अपने कदम मजबूती से जमाए, बल्कि पड़ोसी देश चीन के बाजार में ऐसी एंट्री मारी कि दुनिया देखती रह गई. निर्यातकों ने अपने एक्सपोर्ट करने वाले जहाजों का रुख चीन की तरफ मोड दिया और वहां के बाजार में 22 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की.
अमेरिका ने भारतीय सामानों पर टैरिफ बेशक भारतीय निर्यातकों की चिंता बढ़ाई थी, बिलकुल उसी समय चीन अप्रत्याशित रूप से मददगार बनकर सामने आया. भारत के उत्पाद अब पहले से कहीं ज्यादा तेजी से चीनी बाजार में जगह बना रहे हैं. चीनी राजदूत शू फीहोंग (Xu Feihong) ने कहा कि चीन भारत की मदद करने को तैयार है, ताकि अमेरिकी टैरिफ के असर को कम किया जा सके. उन्होंने बताया, “भारत के चीन को निर्यात में 2025–26 की पहली छमाही में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 22% की बढ़ोतरी हुई है. चीन भारतीय प्रीमियम उत्पादों का स्वागत करता है और भारत के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाने को तैयार है.”
क्या बोलते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत ने चीन को 8.41 अरब डॉलर के सामान निर्यात किए, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.90 अरब डॉलर थे. यह लगभग 22 प्रतिशत की बड़ी उछाल है. खास बात यह रही कि अगस्त में अमेरिका द्वारा बढ़े टैरिफ के बाद सितंबर 2025 में चीन को निर्यात में 34 प्रतिशत की जबरदस्त छलांग लगाई है, जो 1.09 अरब डॉलर से बढ़कर 1.47 अरब डॉलर तक पहुंच गई.
किन-किन चीजों का निर्यात बढ़ा?
इस बढ़ोतरी में कई क्षेत्रों की अहम भूमिका रही. हल्के तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 116 प्रतिशत बढ़कर 1.48 अरब डॉलर तक पहुंच गया. टेलीफोन सेट के पार्ट्स में 162 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि झींगा के निर्यात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके अलावा, सल्फर के निर्यात में 175 फीसदी और एल्युमिनियम की शिपमेंट में लगभग 59 फीसदी की वृद्धि हुई. वहीं, OLED फ्लैट पैनल डिस्प्ले जैसे नए उत्पाद, जो पिछले साल लगभग नगण्य थे, इस साल 246.26 मिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गए.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स (FIEO) के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने कहा, “भारत के निर्यात में 22 फीसदी की वृद्धि हमारे निर्यातकों की फुर्ती और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को दर्शाती है. खासतौर पर वैल्यू-एडेड सेक्टर जैसे झींगे, एल्युमिनियम और टेलीफोन पार्ट्स में यह मजबूती दिख रही है.”
हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अभी इस बदलाव को स्थायी नहीं माना जा सकता. उनके अनुसार, “यह वृद्धि उत्साहजनक है, लेकिन इसे संरचनात्मक बदलाव कहना जल्दबाजी होगी. भारत को अपने निर्यात बाजार को और विविध बनाना होगा, खासकर एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में. साथ ही, अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत रखना भी जरूरी है.”







