Upgrade
पहल टाइम्स
Advertisement
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विश्व

अफगानिस्तान: युद्धग्रस्त गांव में दोबारा आशियाना बनाने की कोशिश

केंद्रीय शहर गजनी की सड़क के किनारे स्थित अफगान गांव अरजू कई वर्षों से युद्ध का मैदान रहा है.

pahaltimes by pahaltimes
December 7, 2021
in विश्व
A A
0
SHARES
0
VIEWS
Share on WhatsappShare on Facebook

इन्हें भी पढ़े

PM Modi and vladimir Putin

भारत ने रूस से की ये मांग, क्या मान जाएंगे पुतिन?

May 5, 2022
PM Modi reached Denmark

डेनमार्क पहुंचे पीएम मोदी, डेनिश प्रधानमंत्री से मिले, जारी किया साझा बयान

May 3, 2022
Ilyushin IL-80

रूसी आकाश में नजर आया महाविनाश का प्‍लेन, परमाणु युद्ध में पुतिन की बचा सकता है जान

May 3, 2022
Caliber missiles

रूस ने किया पनडुब्बी से हमला, कैलिबर मिसाइल से यूक्रेन सैन्य अड्डों पर मचाई तबाही

April 30, 2022
Load More

युद्धग्रस्त अफगान गांव अरजू में आर्थिक संकट के चलते जावेद ने अपना घर बनाने की उम्मीद छोड़ दी है. तालिबान लड़ाके इस छोटे से गांव में और उसके आसपास सरकारी बलों से पांच बार लड़ चुके हैं. जावेद के मुताबिक, “दिन-रात फायरिंग होती रही और हमारा घर फायरिंग के बीच में था.” जावेद और उनका परिवार अभी भी अपने रिश्तेदार के घर में शरण ले रहा है. उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे अपना घर बना सकें.
अपनी दुकान को फिर से पटरी पर लाने के लिए उन पर पहले से ही लगभग 1,60,000 अफगानी का बकाया है. जावेद चाहते हैं कि कोई एनजीओ या सरकार उसकी मदद करे. इस साल भीषण लड़ाई लड़ने के बाद अरजू गांव के कुछ बचे लोगों ने भी जून में घर छोड़ दिया. दो महीने बाद, अफगानिस्तान तालिबान के हाथ में आ गया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा संपत्ति फ्रीज करने से आर्थिक संकट पैदा हो गया. इस समस्या के साथ-साथ विनाशकारी सूखे ने भी भोजन की गंभीर कमी पैदा कर दी.
संघर्ष की कीमत चुकाते गांववाले
अफगानिस्तान में दो दशक से चल रहे संघर्ष का खामियाजा अरजू जैसे ग्रामीण इलाकों को भुगतना पड़ा है. नाटो, अमेरिकी सैनिकों, अफगान सरकार और तालिबान के बीच लड़ाई में हजारों नागरिक मारे गए हैं. शांति की स्थापना के साथ कुछ परिवार अब धीरे-धीरे अरजू लौट रहे हैं और अपने घरों के पुनर्निर्माण की कोशिश कर रहे हैं.
अरजू गांव की 55 वर्षीय लेलोमा ने अपनी बेटी को अफगान बलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी में खो दिया. उनके पति के सिर में गोली लगी थी, लेकिन वह अब काम नहीं कर सकता. पहली बार जब उनका घर किसी युद्ध में नष्ट हुआ, तो उन्होंने इसे फिर से बनाया, लेकिन इस बार उनके पास इसकी मरम्मत के लिए पैसे नहीं हैं.
कर्ज चुकाने के लिए नहीं पैसे
स्थानीय लड़कियों के स्कूल में शिक्षक 65 वर्षीय रफीउल्लाह ने कहा कि लड़ाई के दौरान उनकी बेटी की गोली लगने से मौत हो गई. हालांकि स्कूल में कक्षाएं फिर से शुरू हो गई हैं और रफीउल्लाह अपने छात्रों के बीच लौटकर खुश तो हैं लेकिन वे अपनी बेटी के खोने का गम नहीं भुला पाए हैं. स्कूल का नीला गेट दर्जनों गोलियों से छलनी है, खिड़कियां टूट गईं हैं और दीवारें गोला-बारूद से दगी हुईं हैं. हाल के युद्ध में इस गांव के 40 नागरिक मारे जा चुके हैं.
गांव के रहने वाले नकीब अहमद कहते हैं, “अब हम खेती नहीं कर सकते और न ही अपने मवेशियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. वे अब जा चुके हैं. उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है.” सर्दियों के लिए खाद्य भंडार नहीं होने के कारण कुछ लोग गजनी या पाकिस्तान और ईरान में दिहाड़ी करने की कोशिश करते हैं. लेकिन कई लोग केवल सरकारी मदद या अंतरराष्ट्रीय सहायता की उम्मीद कर रहे हैं. अहमद कहते हैं, “हमारे पास जीवित रहने का और कोई रास्ता नहीं है. कई परिवारों पर कर्ज है और वे उन्हें चुका नहीं सकते.”

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
poisonous air

जहरीली हवा में सांस ले रही दुनिया की 99% आबादी, दिल और दिमाग के लिए ये बेहद खतरनाक

April 5, 2022

उपचुनाव में चिराग के शानदार प्रदर्शन से बढ़ी उम्मीद

November 4, 2021
Drama and Theater: Possibilities and Challenges

नाटक और रंगकर्म : संभावनाएं और चुनौतियां

February 2, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • शहीदों की कुर्बानियों को बेच निकल रही तनख्वाह
  • मुंडका अग्निकांड की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए जांचः बिधूड़ी
  • कार खाई में गिरी 3 की मौत

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.