ओमप्रकाश तिवारी
नई दिल्ली। आज से एक दशक पहले जिन परिवार की किसी पीढ़ी ने नशा नहीं किया उनके यहां युवा दिनभर नशे में धुत हो रहे हैं। इनमें तो अधिकतर तो ऐसे भी हैं जिनकी हैसियत शराब पीने की नहीं है। दो जून की रोटी ही जिनकी प्राथमिकता है वह भी दारू पी रहे हैं। कई शादीशुदा युवक तो इसकी वजह से बरबाद हो गए हैं।
यह हाल केवल एक गांव का नहीं है। ज्यादातर गांवों के युवाओं में शराब पीने की बीमारी तेजी से फैल चुकी है। यही वजह है कि दुनिया में भारत शराब के खपत के मामले में बहुत आगे निकल गया है। भारत शराब का दुनिया में नौवां सबसे बड़ा उपभोक्ता है। यही नहीं एक अध्ययन के मुताबिक भारत चीन के बाद व्हिस्की, वोदका, जिन, रम, टकीला और लिकर जैसे स्पिरिट्स का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
भारत में शराब की कुल खपत साल 2017 से 11 फीसदी की दर से बढ़ रही है। देश में इस समय 663 मिलियन लीटर से अधिक शराब की खपत हो रही है। कुल 16 करोड़ लोग भारत में शराब पीते हैं। व्हिस्की की खपत के मामले में भारत अमेरिका से तीन गुणा आगे बताया जाता है। कहा जाता है कि दुनिया भर में बिकने वाली हर दो व्हिस्की की बोतलों में से एक भारत में होती है।
साल 2021 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में लगभग 10 फीसदी वयस्क शराब का सेवन करते हैं। 15.4 फीसदी पुरुष लगभग हर दिन शराब पीते हैं। 43.5 फीसदी सप्ताह में एक बार शराब पीते हैं। 41 प्रतिशत पुरुष सप्ताह में एक बार से कम शराब पीते हैं।
वहीं, 16.9 प्रतिशत महिलएं लगभग रोज शराब पीती हैं। 36.6 प्रतिशत महिलाएं सप्ताह में एक बार शराब पीती हैं। 46,6 फीसदी सप्ताह में एक बार से कम शराब पीती हैं। एक अध्ययन के अनुसार भारत की करीब 2.7 प्रतिशत जनसंख्या शराब की लत की वजह से प्रभावित है। साल 2018 में उत्तर प्रदेश में 160 लाख लोगों को शराब की समस्या के कारण मदद की दरकार थी। यह देश में सबसे अधिक है।
उत्तर प्रदेश के बाद आंध्रप्रदेश है जहां पर 47 लाख लोग हैं। 37 लाख लोगों के साथ तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है। शराब की खपत के मामले में उत्तर प्रदेश देश में 34वें स्थान पर है लेकिन शराब की समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित इसी प्रदेश में हैं।
रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार उत्तर प्रदेश देश में शराब से सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त करने वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश साल में 31,500 करोड़ रुपये शराब से राजस्व की कमाई करता है।
यूपी के बाद कर्नाटक का नंबर आता है, जोकि 20,950 करोड़ रुपये की कमाई करता है। तीसरे नंबर पर महाराष्टृ है। वह 17,477.40 करोड़ रुपये की कमाई शराब से सालाना करता है।
यह भी गौर करने की बात है कि शराब की सबसे ज्यादा करीब 20 प्रतिशत खपत गांवों में हो रही है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा शराब का सेवन करते हैं। अनुसूचित जनजातियों में शराब का सेवन अधिक किया जाता है।
भारत में 18.7 प्रतिशत शराब की खतप है। इसमें से ग्रामीक्ष क्षेत्र में 19.9 फीसदी है। जबिक शहरी क्षेत्र में 16.5 प्रतिशत है। देश में कुल खपत का 52.6 फीसदी खपत अरुणाचल प्रदेश में होती है। 43.4 प्रतिशत के साथ तेलंगाना दूसरे स्थान पर है। सिक्किम में 39.9, अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 38.8, मणिपुर में 37.2, गोवा में 36.8 और छत्तीसगढ़ में 34.7 फीसदी शराब की खपत होती है।







