नई दिल्ली। अगले महीने होने वाले जी-20 सम्मेलन में शामिल होने वाले देशों के कुल 32 काफिले (कारकेड) कार्यक्रम के दौरान निकाले जाएंगे। इनमें से अधिकांश काफिलों में भारत सरकार की ओर से गाड़ियां मुहैया कराई जाएंगी। छह देश अपनी गाड़ियां विमान से लेकर आएंगे। सबसे बड़ा काफिला अमेरिका का होगा, जिसमें लगभग 60 गाड़ियां शामिल होंगी। वहीं, चीन ने भी अपने काफिले में 45 गाड़ियों को रखने की बात कही है।
सूत्रों ने बताया कि जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले 19 देश और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं। इसमें 9 देश मेहमान के तौर पर शामिल हो रहे हैं, जबकि दर्जनभर के अंतरराष्ट्रीय संगठन भी हिस्सा लेंगे। इन सभी के लगभग 32 काफिले 9 और 10 सितंबर को निकाले जाएंगे। इन काफिलों के लिए अमेरिका, फ्रांस, टर्की, चीन, यूएई और यूरोपियन संघ अपनी गाड़ियां लेकर आ रहे हैं। वहीं, अन्य देशों के प्रतिनिधियों के लिए भारत सरकार की ओर से गाड़ियां उपलब्ध कराई जाएंगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में शामिल होने वाले राष्ट्र अध्यक्षों की जांच नहीं की जाएगी।
चीन से वाहनों की संख्या पर सहमति नहीं बनी
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका की तरफ से 80 गाड़ियों को रखने की बात कही गई थी। बाद में 60 गाड़ियों पर सहमति बनी। वहीं, चीन ने 45 गाड़ियों का काफिला निकालने की बात कही है। सरकार 25 से 30 गाड़ियों का काफिला निकालने के लिए कह रही है। फिलहाल चीन की गाड़ियों की संख्या तय नहीं हो पाई है।
सबसे पहले ओमान का काफिला निकलेगा
अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बाद सबसे पहले ओमान का काफिला निकलेगा। इसकी वजह वहां पर सुल्तान का होना है। इसके बाद देश के नाम में मौजूद अल्फाबेट के क्रम से काफिला निकलेगा। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न होटलों से 10 सितंबर की सुबह 30 मिनट में सभी काफिले राजघाट पहुंचेंगे।