पठानकोट (पंजाब)। पंजाब के पठानकोट में सोमवार को अपने दो साथियों को गोली मारकर मौत की नींद सुलाने वाले आरोपी सेना के जवान ने पुलिस पूछताछ में माना है कि दोनों हवलदार उसके घर में चल रहे पारिवारिक मसलों पर ताने मारते थे और तंग करते थे। आरोपी ने बताया कि वारदात के दिन भी दोनों ने उसके परिवार में चल रहे कुछ मुद्दों को छेड़कर जले पर नमक छिड़का। इसके चलते उसने यह कदम उठाया। यह जानकारी थाना नंगलभूर के प्रभारी नछत्तर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि आरोपी सैनिक वारदात को अंजाम देकर वर्दी में ही भाग निकला। वारदात के बाद आरोपी लोकेश छावनी इलाके के आसपास घूमता रहा। इसके बाद गांव घियाला गया और वहां से लिफ्ट लेकर भागने की फिराक में था।
लोगों को मीरथल में हुई वारदात की सूचना मिली थी। इसके बाद लोगों ने ही पुलिस को वर्दी में घूम रहे व्यक्ति की सूचना दी। नंगलभूर पुलिस ने उसे डमटाल जाते वक्त रास्ते में कंदरोड़ी मोड़ पर ही काबू कर लिया। पूछताछ में उसने हत्या का कारण बताया। पुलिस ने मंगलवार को आरोपी का सिविल अस्पताल से मेडिकल करवाया और कोर्ट में पेश किया। पुलिस का कहना है कि आरोपी का रिमांड मांगा जाएगा।
ढाई साल पहले ही लोकेश हुआ था फौज में भर्ती
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी लोकेश को फौज में भर्ती हुए अभी ढाई साल ही हुए थे। 21 वर्षीय आरोपी लोकेश की अभी शादी भी नहीं हुई थी। ट्रेनिंग के बाद चंद माह पहले ही उसकी मीरथल में पोस्टिंग हुई थी। सैन्य सूत्रों का कहना है कि सोशल मीडिया पर हत्या का कारण छुट्टी न मिलना बताया जा रहा है, जो बेबुनियाद है। हत्या का कारण आरोपी ने खुद बयां किया है कि पश्चिम बंगाल के जिला हुबली, नीर बोएपुर निवासी हवलदार गौरी शंकर हट्टी और महाराष्ट्र के जिला लातूर, बड़े गांव निवासी हवलदार तेलांगी सूर्याकांत शेशीराव उसके पारिवारिक मसलों पर चिढ़ाते थे।
चार अन्य जवान भी बैरक में थे मौजूद
सूत्रों ने बताया कि जिस बैरक में गोलियां चलीं, उस बैरक में वारदात के समय चार अन्य जवान भी सो रहे थे। इनमें से तीन नायक और एक सिपाही था। आरोपी लोकेश ने रंजिश में हवलदार गौरी शंकर और हवलदार तेलांगी सूर्याकांत पर ही गोलियां चलाईं। हवलदार गौरी शंकर की एक नन्ही बच्ची है। जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है।
अमृतसर के खासा में भी हो चुकी वारदात
बता दें कि इसी साल मार्च में अमृतसर के खासा स्थित बीएसएफ की मेस में एक जवान ने फायरिंग कर दी थी। गोली चलाने वाले कांस्टेबल सहित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच जवानों के मौत हो गई थी। गोली चलाने वाले बीएसएफ जवान ने अपने साथियों को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली थी। इसके बाद जांच में स्पष्ट हुआ था कि जवान मानसिक परेशानी से जूझ रहा था।