इस्लामाबाद ,31 मई । पाकिस्तान में इस्लामाबाद कोर्ट ने एक निर्देश जारी कर गायब हो चुके लोगों को जल्द से जल्द खोजने को कहा है। कोर्ट ने न सिर्फ मौजूदा सरकार बल्कि पिछली सरकार को भी इस काम पर लग जाने को कहा है। इस्लामाबाद कोर्ट ने इन सभी गायब हुए लोगों का जिम्मेदार पाकिस्तान की सरकारों को ठहराया है।
दो दशकों से है गायब होने का सिलसिला
पाकिस्तान में परवेज मुशर्रफ के शासनकाल से ही लोगों के गायब होने का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक चलता आ रहा है। लगभग दो दशक में 8 हजार से भी अधिक लोग गायब कर दिए गए हैं। कोर्ट के अनुसार ये सभी लोग किसी न किसी राजीनितिक कारण के चलते ही गायब हुए हैं। ऐसे में कोर्ट ने मौजूदा शाहबाज सरकार के साथ-साथ परवेज मुशरर्फ तक की पिछली सभी सरकारों को एकसाथ कटघरे में खड़ा कर दिया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दायर की थी याचिका
कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता शरीन मजारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किया है। कोर्ट के फैसले में सिर्फ सरकारों को ही इस निर्देश में शामिल किया गया है, जबकि मजारी ने सरकार, सेना और आईएसआई तीनों के खिलाफ याचिका दायर की थी। ये भी माना जाता है कि इनमें से कई लोग क्यूबा के ग्वांतानामो-बे की जेल में बंद हैं। इस मामले की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस अहतर मिनल्लाह ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर सरकार गुमशुदा लोगों को ढूंढने में फेल हो जाती है, तो प्रधानमंत्री समेत पूर्व-प्रधानमंत्रियों और अंतरिम मंत्रियों को कोर्ट के सामने पेश होना होगा।
सबसे ज्यादा बलूचिस्चान से लोग हुए गायब
एक रिपोर्ट के मुताबिक गायब होने वाले लोगों में सर्वाधिक बलूचिस्तान के अलगाववादी कार्यकर्ता हैं। ये लोग अपने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर के विरोध में शामिल थे। इन लोगों का मानना है कि चीन के लोग बलूचिस्तान के संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। संसाधनों के इस्तेमाल के बदले चुनिंदा लोगों को नौकरी दी जाती है। हालांकि एमेन्सटी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट में एक दावा किया गया है कि गायब होने वाले लोगों में से 5000 लोगों के बारे में पता लगा लिया गया है।
दुनिया भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन
पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा विशेष रूप से जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी कि द्वारा बलूचिस्तान में एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किडनैपिंग के कई मामले सामने आए हैं। बलूचित्सान में लगातार हो रहे अपहरण और जबरन गायब होने के मामलों को लेकर दुनिया भर में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं। हालांकि गायब होने की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं।
बलूछ छात्र परिषद ने मंगलवार को फिरोज बलूच की सुरक्षित बरामदगी के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया है। छात्रों का कहना है कि हफीज को झूठे आरोपों पर कैद कर लिया गया था। बलूच छात्र परिषद ने बलूच छात्रों के गायब होने के खिलाफ बैनर लगाए और नारेबाजी की। उन्होंने नस्लीय प्रोफाइलिंग पर चुप्पी बरतने के लिए मानवाधिकार संगठनों की आलोचना भी की। बतादें कि हफीज बलूच को पाकिस्तानी खूफिया एजेंसियों द्वारा जबरन गायब करने का आरोप है। हफीज बलूच की रिहाई के लिए छात्र लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।