नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों को लेकर मंथन तेज कर दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी हाईकमान इस महीने के अंत में 100 उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। यह उम्मीदवार उन सीटों पर घोषित किए जाएंगे, जिन्हें बीजेपी अपने लिए सबसे कठिन सीट मानकर चल रही है।
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जिन 100 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जाएगी, उनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य शामिल हैं। इन सीटों पर बीजेपी को 2019 के आम चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। ऐसे में बीजेपी कोशिश कर रही है कि इन सीटों पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया जा सके। बीजेपी की एक कोशिश यह भी है कि अगर इन सीटों पर प्रत्याशियों के वक्त रहते नाम फाइनल कर दिए जाएंगे तो वे अपने क्षेत्र में ज्यादा समय दे सकेंगे।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं तमिलनाडु, लक्ष्यदीप, केरल और तेलंगाना समेत दक्षिण भारत के राज्यों का दौरा कर चुके हैं। इसके पीछे की रणनीति यही थी कि बीजेपी जहां कमजोर है, वहां अपनी स्थिति को मजबूत कर सके। पार्टी ने कुल 160 सीटों को चुना है। जिन पर वो खुद को कमजोर मान कर चल रही है। पिछले करीब दो साल से बीजेपी इन सीटों पर जनसंपर्क अभियान चला रही है। केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को यहा का प्रभारी बनाया गया है और वो यहां का दौरा कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि बीजेपी जो पहली लिस्ट जारी करेगी, उस कुछ केंद्रीय मंत्री और बड़े नेताओं के नाम शामिल हो सकते हैं। पार्टी सूत्रों का यहां तक कहना है कि सूची बिल्कुल तैयार है। केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलने का बाद ऐलान होगा। यही वजह है कि बीजेपी ने 29 फरवरी को केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग बुलाई है। यह मीटिंग पहले 22 फरवरी को होनी थी, लेकिन नेताओं के बिजी शेड्यूल के चलते इसे टाल दिया गया था।
बता दें, पिछले दिनों हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने कमजोर सीटों पर पहले ही उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इसके अलावा उसने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी वरिष्ठ नेताओं को विधायकी लड़ाई। अब लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी इसी रणनीति पर काम कर रही है। बीजेपी की रणनीति में लोकसभा चुनाव में कई ऐसे प्रत्याशी चुनावी समर में दिख सकते हैं, जो अभी तक राज्यसभा सदस्य थे।