नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने सुपरवाइजरी फंक्शंस (निरीक्षण कार्यों) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) या एआई (AI) और मशीन लर्निंग (Machine Learning) या एमएल (ML) का इस्तेमाल कर एक सिस्टम डेवलप करने के लिए ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म मैकिन्से एंड कंपनी इंडिया एलएलपी (McKinsey and Company India LLP) और एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इंडिया (Accenture Solutions Pvt Ltd India) को सेलेक्ट किया है।
क्या है आरबीआई का प्लान
आरबीआई अपने विशाल डेटाबेस को एनालाइस करने और बैंकों के अलावा नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) पर रेगुलेटरी सुपरविजन में सुधार लाने के लिए एडवांस्ड एनालिटिक्स, एआई और एमएल का बड़े पैमाने पर उपयोग करना चाहता है। इसके लिए, केंद्रीय बैंक एक्सटर्नल एक्सपर्ट्स को नियुक्त करने की योजना बना रहा है।
पिछले साल मांगे थे आवेदन
पिछले साल सितंबर में, आरबीआई ने सुपरवाइजरी में एडवांस्ड, एआई और एमएल के उपयोग के लिए कंसल्टेंट्स को शामिल करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) या आवेदन मांगे थे। ईओआई दस्तावेज में निर्धारित जांच/ईवैल्यूएशन के आधार पर, केंद्रीय बैंक ने कंसल्टेंट्स के चयन के लिए सात आवेदकों को छांटा था।
ये सात कंपनियां – एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, डेलॉयट टौशे तोहमात्सू इंडिया एलएलपी, अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी, केपीएमजी एश्योरेंस एंड कंसल्टिंग सर्विसेज एलएलपी, मैकिन्से एंड कंपनी और प्राइसवाटरहाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड थीं।
अब चुनीं दो कंपनियां
रिजर्व बैंक के अनुसार, इनमें से मैकिन्से एंड कंपनी इंडिया एलएलपी और एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड इंडिया को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। इस कॉन्ट्रैक्ट की कीमत करीब 91 करोड़ रुपये है।
आरबीआई पहले से ही सुपरवाइजरी प्रॉसेस में एआई और एमएल का उपयोग कर रहा है। अब इसका यह सुनिश्चित करने के लिए सुपरवाइजरी प्रॉसेस को एडवांस्ड करने का इरादा है कि एडवांस्ड एनालिसिस का लाभ केंद्रीय बैंक में डिपार्टमेंट ऑफ सुपरविजन को मिल सके।