प्रकाश मेहरा
अहमदाबाद। कुल 45 दिन की कड़ी मेहनत, 10 मैच में शानदार 10 जीत और अनेक रिकॉर्ड अपने नाम करने के बाद रोहित शर्मा की टीम इंडिया रविवार को विश्व कप के फाइनल में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के साथ कांटे का मैच खेलगी। मेजबान टीम इस महा- मुकाबले में महाविजय के लिए तैयार है।
भावनाओं पर काबू रखें: इस मुकाबले में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा चाहते हैं कि उनके साथी वैसा ही खेल दिखाएं जो वे पिछले छह हफ्तों से दिखा रहे हैं और अपनी भावनाओं पर काबू रखें। रोहित ने मैच की पूर्वसंध्या पर शनिवार को कहा, भावनात्मक रूप से यह बड़ा मौका है क्योंकि आपकी जो कड़ी मेहनत और सपने हैं, वो इसी के लिए हैं। इसी दिन का सपना देखा था, कल यह दिन हमारे सामने होगा।
उन्होंने कहा, खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही होती है कि आप किस तरह इन सबको अलग रखकर काम पर ध्यान लगाते हो। मेरे साथ कल मैदान पर अन्य 10 खिलाड़ियों का ध्यान इसके बारे में सोचने के बजाय टीम के लिए अपने काम पर लगा होगा, यह मेरी जिंदगी का बड़ा क्षण है। पर रोहित ने स्वीकार किया कि यह कहना जितना आसान है, करना उतना मुश्किल।
शांत बने रहना महत्वपूर्ण: उन्होंने कहा, लेकिन इस तरह की परिस्थितियों में शांत बने रहना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि अगर आप शांत और संयमित हो तो आप अपनी भूमिका अच्छी तरह निभा सकते हैं। आप दबाव भरे हालात में अच्छे फैसले ले सकते हो। बचपन से ही में 50 ओवर का विश्व कप देखकर बड़ा हुआ हूं। मेरे लिए यह बड़ा क्षण है। पर मैं जानता हूं कि इस पर ध्यान लगाना होगा कि टीम मुझसे क्या चाहती है।
रोहित तोड़ सकते हैं द्रविड़ का रिकॉर्ड: रोहित 36 रन बनाते ही इस स्टेडियम में सर्वाधिक रन बनाने का राहुल द्रविड़ 17 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। रोहित ने यहां छह मैच में 306 रन जबकि द्रविड़ ने पांच मैच में 342 रन बनाए हैं। इनके अलावा विंडीज के क्रिस गेल (316) ही यहां तीन सौ का आंकड़ा छू पाए हैं।